दिल्ली विधानसभा चुनाव: आज हो सकती है तारीखों की घोषणा; मुख्यमंत्री चेहरे के बिना उतरेगी भाजपा
क्या है खबर?
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी कमर कस ली है। किसी भी विवाद से बचने के लिए भाजपा ने बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के ही चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय किया है।
चुनाव के लिए भाजपा की रणनीति में CAA और दिल्ली में AAP सरकार की असफलताएं मुख्य रूप से शामिल होंगी।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर सरकार बनाने की भी हूंकार भरी है।
प्रमुख मुद्दा
CAA के दम पर वोट बैंक बढ़ाने का जतन
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा का सबसे बड़ा मुद्दा संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के लिए बिल पास कराए जाने को लेकर वोट बैंक बढ़ाने का होगा।
भाजपा लोगों तक इस कानून से होने वाले लाभों को पहुंचाकर उन्हें भाजपा की ओर मुड़ने के लिए प्रेरित करेगी।
इसके लिए लिए भाजपा केवल चुनावी सभाओं पर निर्भर न होकर मोहल्ला मीटिंग और घर-घर जागरुकता अभियान चलाएगी। दिल्ली में बूथ लेवल कार्यकर्ताओं की बैठक में भाजपा अध्यक्ष इसकी घोषणा भी कर चुके हैं।
विरोधियों की कमजोरी
AAP की असफलताओं के दम पर सफलता की आस
भाजपा खुद के नए मुद्दों की जगह आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस की असफलताओं को जनता के सामने लाकर सफलता के झंडे गाडने की कोशिश में रहेगी। इसकी शुरुआत भी भाजपा अध्यक्ष ने कर दी है।
उन्होंने कहा कि AAP को दिल्ली में 15 लाख CCTV कैमरे, 20 कॉलेज, 5,000 स्कूल खोलने व अनुबंधित शिक्षकों-कर्मचारियों को नियमित करना था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जनता अब उन्हें जान चुकी है और वह अब फिर धोखा नहीं दे सकते हैं।
आरोप
CAA के नाम पर दंगे कराने का आरोप
दिल्ली चुनाव में भाजपा अहम मुद्दा यह भी रहेगा कि वह CAA लागू होने के बाद विरोधियों द्वारा कराए गए विरोध व दंगों को जनता के सामने लाए।
अमित शाह ने कहा है कि लोकसभा व राज्य में CAA लागू होने व राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद उसके कानून बनने को लेकर केजरीवाल, राहुल और प्रियंका गांधी ने जनता को गुमराह कर दंगे करवाने का काम किया है।
केजरीवाल ने इस बिल के विरोध में वोट भी किया था।
रणनीति
दलितों को अपने पक्ष में करने की रणनीति
भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए दलितों को भी अपने पक्ष में करने की रणनीति बना रही है।
इसको लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बूथ लेवल कार्यकर्ताओं की बैठक में AAP और कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को प्रधानमंत्री मोदी CAA के जरिए नागरिकता देना चाहते हैं, लेकिन दलित विरोधी राहुल गांधी और केजरीवाल इसका विरोध कर रहे हैं।
वाहवाही
सिख दंगा पीडि़तों को मुआवजा देने पर बजा रहे गाल
भाजपा दिल्ली चुनाव में सिखों को अपने साथ जोड़ने के लिए 1984 सिख दंगों में मारे गए लोगों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने को लेकर भी अपने गाल बजाने से नहीं चूक रही है।
भाजपा का कहना है दंगा पीडि़तों के घावों पर किसी ने मरहम नहीं लगाया। मोदी सरकार ने उनके दुख को समझते हुए प्रत्येक पीड़ित को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया और दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया है।
विवाद का भय
मुख्यमंत्री चेहरा नहीं लाने के पीछे है यह डर
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री चेहरा सामने नहीं लाने के पीछे सबसे बड़ा कारण आपसी फूट का डर हो सकता है।
गत वर्ष अन्य राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भी भाजपा को मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर आपसी कलह का सामना करना पड़ा था।
ऐसे में देश की राजधानी में एकजुट होकर अपनी वापसी के लिए भाजपा अध्यक्ष ने बिना मुख्यमंत्री चेहरे के उतरने और प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है।
चुनाव घोषणा
चुनाव घोषणा के लिए तैयार है निर्वाचन आयोग
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 की सभी तैयारी पूरी हो चुकी है। निर्वाचन आयोग आज दोपहर 03:30 बजे चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है।
माना जा रहा है कि CBSE बोर्ड परीक्षा को देखते हुए 15 फरवरी से पहले ही चुनाव कराए जा सकते हैं।
फरवरी 2015 में हुए चुनावों में AAP ने 70 में से 67 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया था। जबकि भाजपा ने तीन सीट व कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई थी।