नवीन पटनायक के करीबी वीके पांडियन ने राजनीति से लिया संन्यास, वीडियो जारी कर माफी मांगी
क्या है खबर?
ओडिशा विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजू जनता दल (BJD) को बड़ा झटका लगा है। BJD नेता वीके पांडियन ने सक्रिय राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया है।
ओडिशा में पांडियन की गिनती BJD के मुखिया और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बेहद करीबी के रूप में होती रही है।
पांडियन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर इस फैसले की जानकारी दी है। उन्होंने अपने समर्थकों से माफी भी मांगी है।
बयान
क्या बोले पांडियन?
पांडियन ने कहा, "अब मैंने सक्रिय राजनीति छोड़ने का फैसला किया है। यदि इस सफर में मैंने किसी को कोई ठेस पहुंचाई हो, तो मुझे माफ कर दें। यदि मेरे खिलाफ चलाए गए अभियान ने बीजू जनता दल की हार में कोई भूमिका निभाई है तो मुझे खेद है। इसके लिए मैं समस्त बीजू परिवार से क्षमा याचना करता हूं। आज से 12 साल पहले में नवीन पटनायक से जुड़ा और उनसे बहुत कुछ सीखा।"
पांडियन
कौन हैं पांडियन?
49 वर्षीय वीके पांडियन का जन्म 29 मई, 1974 को तमिलनाडु में हुआ था। पांडियन ने कृषि में स्नातक और फिजियोलॉजी में स्नातकोत्तर किया है। वे 2000 बैच के IAS अधिकारी हैं।
वह 2002 में ओडिशा के कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के सब-कलेक्टर नियुक्त हुए, 2005 में उन्हें मयूरभंज का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया और 2007 में वह गंजम के जिलाधिकारी बने।
2011 से 2023 तक वे मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) मुख्यमंत्री पटनायक के निजी सचिव थे।
करीबी
पांडियन कैसे बने पटनायक के करीबी?
मयूरभंज और गंजम के जिलाधिकारी रहते हुए पांडियान ने जो काम किया, उससे वो मुख्यमंत्री पटनायक के भरोसेमंद अधिकारी बने।
गंजम पटनायक का गृह जिला है। पटनायक के पूर्व सलाहकार प्यारीमोहन मोहापात्र के जाने के बाद पांडियन का कद और तेजी से बढ़ा।
उन्हें ओडिशा सरकार और BJD में पटनायक के बाद सबसे प्रमुख व्यक्ति के रूप में देखा जाता था। अटकलें थीं कि पटनायक उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर सकते हैं।
नतीजे
चुनावों में BJD को मिली थी हार
हाल ही में ओडिशा के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में BJD को हार का सामना करना पड़ा है।
ओडिशा की 147 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 78 सीट जीतकर BJD के 24 साल लंबे शासन को खत्म कर दिया। वहीं, BJD ने 51, कांग्रेस ने 14 और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) को एक सीट मिली है।
लोकसभा की सभी सीटों पर BJD उम्मीदवारों की हार हुई है। भाजपा ने 20 और कांग्रेस ने एक सीट पर जीत दर्ज की।