
प्रशांत किशोर का दावा- उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी 7 लोगों की हत्या में अभियुक्त, तुरंत गिरफ्तारी हो
क्या है खबर?
बिहार में जनसुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने सोमवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी पर 7 लोगों की हत्या का अभियुक्त होने का आरोप लगाया और तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि चौधरी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) में गलत दस्तावेज दिखाकर 1995 के तारापुर हत्याकांड में खुद को नाबालिग बताया था, जबकि उस समय उनकी उम्र 26 साल थी।
दावा
प्रशांत ने क्या लगाया आरोप?
प्रशांत ने कहा, "तारापुर में 1995 में 7 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या हुई थी। सभी 7 लोग कुशवाहा समाज के थे। सम्राट चाैधरी उर्फ राकेश कुमार उर्फ सम्राट कुमार माैर्य मामले (केस नंबर 44/1995) में आरोपी नहीं बल्कि अभियुक्त थे। कोर्ट में अप्रैल 1995 को इन्होंने दस्तावेज सौंपे, जिसमें अपना स्कूल प्रमाणपत्र दिया और जन्मतिथि 1981 बताई। चौधरी ने घटना के समय खुद को 15 साल का बताया था। कोर्ट ने इस आधार पर इनको राहत दी।"
अनुरोध
15 नहीं 26 साल के थे सम्राट चौधरी- प्रशांत
प्रशांत ने आगे कहा, "कानूनन 18 साल से कम उम्र के बच्चों को जेल में नहीं रखा जा सकता है, लेकिन 2020 में सम्राट चौधरी ने चुनाव आयोग को अपना हलफनामा दिया है, जिसमें अपनी उम्र 51 साल बताई है। इस तरह से देखें तो 1995 में उनकी उम्र 26 साल थी। ऐसे में 26 साल के उम्र के इंसान को कोर्ट ने गलत दस्तावेजों के आधार पर अभियुक्त होने के बाद भी रिहा कर दिया था।"
योजना
तुरंत बर्खास्त करे सरकार- प्रशांत
प्रशांत ने आगे कहा, "अगर इनके दस्तावेज की माने तो 26 साल का व्यक्ति 7 लोगों की हत्या का अभियुक्त है। उसे जब तक कोर्ट से मुक्ति नहीं मिलती, तब तक उन्हें जेल में होना चाहिए। ऐसा व्यक्ति बिहार में उपमुख्यमंत्री बनकर बैठा है।" प्रशांत ने कहा, "बिहार के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और केंद्र सरकार से मेरा अनुरोध है कि हत्या का अभियुक्त सम्राट चौधरी संवैधानिक पद पर बैठे हैं। उन्हें तुरंत पद से बर्खास्त करके गिरफ्तार किया जाए।"
ट्विटर पोस्ट
सम्राट चौधरी के खिलाफ प्रशांत का बड़ा दावा
1995 में तारापुर में सात निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या हुई थी और ये सभी कुशवाहा समाज से थे। इस मामले में सम्राट चौधरी न केवल आरोपी थे, बल्कि अभियुक्त भी थे। मामला दर्ज हुआ था, केस नंबर 44/1995।
— JanSuraajForBihar (@ForSuraaj) September 29, 2025
24 अप्रैल 1995 को अदालत में उनके नाबालिग होने के दस्तावेज़ पेश किए गए, जिनमें… pic.twitter.com/D3x3mSD4df