क्या कभी नहीं उतरेगा पुष्पम प्रिया का काला मास्क? NOTA से भी कम वोट मिले
क्या है खबर?
बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं, जिसमें भाजपा नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने प्रचंड जीत हासिल की है। इस बीच ब्रिटेन से वापस आकर बिहार बदलने की कसम खाकर चुनाव में उत्तरीं प्लुरल्स पार्टी की प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी अब मुश्किल में दिख रही हैं। उन्होंने अपनी जीत तक काला मास्क पहनने की कसम खाई थी, लेकिन दरभंगा सीट पर उनकी हार हुई है। ऐसे में सवाल है कि क्या अब उनका मास्क कभी नहीं उतारेगा?
चुनाव
पुष्पम प्रिया को मिले NOTA से कम वोट?
दरभंगा सीट पर भाजपा के संजय रस्तोगी 24,593 वोट से जीत गए हैं। उनको 97,753 वोट मिले हैं। दूसरे स्थान पर विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के उमेश साहनी हैं, जिनको 72,860 वोट मिले हैं। तीसरे स्थान पर जन सुराज के राकेश कुमार मिश्रा हैं, जिनको 11,758 वोट मिले हैं। पुष्पम प्रिया आठवें स्थान पर हैं, जिनको 1,403 वोट मिले हैं। उनकी जमानत जब्त हो गई है। उनसे अधिक वोट (1,468) NOTA को मिले हैं।
पहचान
कौन हैं पुष्पम प्रिया?
प्रिया (37) दरभंगा में जन्मीं हैं और पूर्व JDU नेता विनोद चौधरी की बेटी हैं। उनके दादा प्रोफेसर उमाकांत चौधरी समता पार्टी के संस्थापक सदस्य थे। प्रिया ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से लोक प्रशासन में मास्टर और बिहार की राजनीति और वोटिंग पैटर्न पर शोध किया है। वह 2019 में बिहार आईं और 2020 में 'द प्लुरल्स पार्टी' बनाकर धर्म-जाति से अलग राजनीति करने की कोशिश की। उन्होंने 243 सीटों पर 'सीटी' चुनाव चिन्ह के साथ उम्मीदवार उतारे हैं।
संदेश
काला मास्क और काला कपड़ा पहचान
प्रिया अविवाहित हैं। वह काला कपड़ा और मास्क पहनती हैं। उन्होंने कहा था कि वह अपनी जीत होने तक मास्क नहीं उतारेंगी, बाद में कहा कि बिहार में महिला मुख्यमंत्री बनने तक मास्क नहीं उतारेंगी। वह बचपन से नीतीश को हीरो मानती हैं, लेकिन उनकी राजनीति के खिलाफ हैं। वर्ष 2020 में उन्होंने अखबारों में विज्ञापन देकर खुद को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया था। वह 2020 में चुनाव हारी थीं। वह बिहार को यूरोप बनाने का दावा करती हैं।