पेगासस: केजरीवाल का सहायक और ED अधिकारी भी थे निशाने पर, बंगाल में होगी जांच
क्या है खबर?
पेगासस जासूसी कांड में हर रोज नए नाम सामने आ रहे हैं और अब अरविंद केजरीवाल के एक सहायक और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक अधिकारी का नंबर उस डाटाबेस में मिला है जिन्हें पेगासस स्पाईवेयर के जरिए निशाना बनाया गया।
कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर रहे ED अधिकारी से संबंधित तीन महिलाओं के नंबर भी डाटाबेस में मिले हैं।
इस बीच पश्चिम बंगाल की सरकार ने मामले की जांच के लिए एक पैनल बनाया है।
पहला नाम
2G और एयरसेल-एक्सिस मामलों की जांच कर रहे थे ED अधिकारी राजेश्वर सिंह
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, ED के वरिष्ठ अधिकारी राजेश्वर सिंह के दो नंबर और उनसे संबंधित तीन महिलाओं के चार नंबर पेगागस के डाटाबेस में शामिल थे। उनके नंबर को मध्य 2017 में डाटाबेस में डाला गया था और ये मध्य 2019 तक इसमें रहा।
2009 से ED के साथ काम कर रहे राजेश्वर सिंह 2G घोटाले और एयरसेल-मैक्सिस डील जैसे बड़े मामलों की जांच में शामिल रह चुके हैं जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिंदबरम आरोपी हैं।
अन्य नाम
राजेश्वर की बहन का नंबर भी डाटाबेस में शामिल
रिपोर्ट के अनुसार, राजेश्वर से संबंधित एक नंबर जो पेगासस के डाटाबेस में शामिल है, वो उनकी बहन आभा सिंह का है। आभी IAS से वकील बनी हैं और अभी मुंबई में रहती हैं।
आभा अपने फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए देने को तैयार हो गईं, हालांकि इसमें कुछ स्पष्ट सामने नहीं आया।
आभा ने बताया कि उन्होंने इस फोन का 2018 से 2019 तक प्रयोग किया था और इसके बाद अपने बेटे को दे दिया था।
केजरीवाल का नजर?
2018 में डाटाबेस में डाला गया केजरीवाल के सहायक का नंबर
एक और पूर्व IAS अधिकारी जिसका नंबर पेगासस के डाटाबेस में मिला है, वो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक रह चुके वीके जैन का है। जैन के नंबर को 2018 में डाटाबेस में डाला गया था।
जैन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और नीति आयोग के कम से कम एक-एक अधिकारी का नंबर भी संभावित टारगेटों की सूची में शामिल है। PMO का अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2017 के दौरों का इनचार्ज था।
जांच
मामले की जांच के लिए पैनल बनाने वाला पहला राज्य बना बंगाल
हर रोज सामने आते नए नामों के बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले की जांच के लिए एक पैनल बनाया है। इसमें रिटायर्ड जस्टिस ज्योतिमय भट्टाचार्य और एमबी लोकुर शामिल हैं।
ममता ने कहा, "हमें लगा था कि केंद्र एक जांच आयोग बनाएगा या कोर्ट की निगरानी में जांच होगी। लेकिन केंद्र कुछ नहीं कर रहा... इसलिए हमने खुद का आयोग बनाया है।"
बता दें कि डाटाबेस में ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी का नंबर भी मिला था।
मामला
क्या है पेगासस जासूसी कांड?
इसी महीने सामने आई रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इजरायली कंपनी NSO ग्रुप के स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर कई देशों के पत्रकारों, नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और चर्चित हस्तियों की फोन के जरिये जासूसी की गई या इसकी कोशिश की गई।
इन लोगों में राहुल गांधी और प्रशांत किशोर समेत विपक्ष के कई नेता, मोदी सरकार के दो मंत्री, कई संवैधानिक अधिकारी और पत्रकार, अनिल अंबानी और CBI के पूर्व प्रमुख आलोक वर्मा समेत कई नाम शामिल थे।
विरोध
मामले पर हंगामा कर रहा विपक्ष, राहुल ने मांगा अमित शाह का इस्तीफा
भारत में विपक्ष ने मामले पर जमकर हंगामा काटा है और इसके कारण मानसूस सत्र के हर दिन सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी है। विपक्ष मामले में न्यायिक जांच की मांग कर रहा है और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा है।
सरकार ने मामले पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है और वह इसे भारत को बदनाम करने की एक अंतरराष्ट्रीय साजिश बताती रही है।