आंध्र प्रदेश: शराब नीति में घोटाले का आरोप, जगन रेड्डी के खिलाफ CID जांच के आदेश
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पूर्ववर्ती YSR कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल में बनी शराब नीति में घोटाले का आरोप लगाते हुए अपराध जांच विभाग (CID) से जांच कराने का आदेश दिया है। द हिंदू के मुताबिक, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को विधानसभा में इस विषय पर श्वेत पत्र जारी करते हुए कहा कि यह आंध्र प्रदेश के सबसे बड़े घोटालों में से एक है। उन्होंने कहा कि इसकी CID की ओर से गहन जांच की जाएगी।
ED को भी भेजा जाएगा मामला
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राज्य सरकार के लेन-देन में अनियमितताओं को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी भेजा जाएगा। नायडू ने कहा कि पिछले 5 साल में 99,413 करोड़ रुपये की खुदरा बिक्री में से केवल 615 करोड़ रुपये की बिक्री के संबंध में ही डिजिटल भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे 2019 से 2024 के बीच राज्य सरकार के खजाने को 18,860 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
कोई राजनीतिक प्रतिशोध नहीं- नायडू
नायडू ने यह भी कहा कि इस मामले में कार्रवाई कोई राजनीतिक प्रतिशोध के लिए नहीं की जा रही है, लेकिन सरकार घोटाले में शामिल सभी लोगों पर सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि बीयर के लोकप्रिय ब्रांड पूरी तरह से समाप्त हो गए हैं, जबकि पहले अज्ञात रहने वाले स्थानीय ब्रांड की बिक्री शून्य से बढ़कर 12 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि 5 साल से पता चलता है कि राज्य का मुखिया कैसा नहीं होना चाहिए।
चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ भी रेड्डी ने कराई थी CID जांच
नायडू ने विधानसभा में राजनीतिक प्रतिशोध की बात क्यों की, इसके पीछे बड़ा कारण है कि पिछली रेड्डी सरकार में आंध्र प्रदेश फायबरनेट प्रोजेक्ट घोटाले में नायडू का नाम आया था। इसकी CID जांच हुई थी। नायडू कई दिनों तक जेल में भी रहे थे।