अधीर रंजन चौधरी का राष्ट्रपति को पत्र, सरकार पर उन्हें अंधेरे में रखने का आरोप लगाया
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्षी दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) हीरालाल सामरिया और सूचना आयुक्तों (IC) के चयन पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस चयन के दौरान सभी लोकतांत्रिक मानदंडों का पालन नहीं किया गया। बता दें कि सूचना आयुक्त हीरालाल सामरिया ने 6 नवंबर को केंद्रीय सूचना आयोग के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी।
अधीर रंजन चौधरी ने पत्र में क्या लिखा?
राष्ट्रपति को लिखे पत्र में चौधरी ने लिखा, "अत्यंत दुख और भारी मन से मैं आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि केंद्रीय सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के चयन के मामले में सभी लोकतांत्रिक मानदंडों, रीति-रिवाजों और प्रक्रियाओं को ताक पर रखा गया।" उन्होंने कहा कि इस नियुक्ति के दौरान विपक्ष की आवाज को भी सुना जाता है, लेकिन इस बारे में न तो उनसे सलाह ली गई और न ही उन्हें जानकारी दी गई।
चौधरी ने क्या आरोप लगाए?
चौधरी ने कहा, "लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता के रूप में चयन समिति का सदस्य होने के बावजूद 3 नवंबर को CIC/IC के चयन को लेकर प्रधानमंत्री के आवास पर हुई बैठक को लेकर मुझे पूरी तरह से अंधेरे में रखा गया।" उन्होंने बताया है कि इन नियुक्तियों को लेकर होने वाली बैठक की तारीख बदल दी गई थी और फिर बाद में कई आग्रह के बावजूद उन्हें नियुक्ति को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई।
चौधरी ने बताया, क्यों बैठक में नहीं हो सके शामिल
चौधरी ने बताया कि बैठक के लिए 3 नवंबर शाम 6 बजे का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण उन्होंने इसे इसी दिन सुबह करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि समय बदलने की उनकी सारी मांगों को खारिज कर दिया गया और उन्हें बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में भी नहीं बताया गया। उन्होंने राष्ट्रपति से लोकतांत्रिक परंपराओं का बरकरार रखने के लिए मामले में आवश्यक कदम उठाने को कहा।
कैसे होती है मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति और ये क्यों अहम?
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अनुसार, राष्ट्रपति एक समिति की सिफारिशों के आधार पर मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति करते हैं। इस समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष का नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री (अभी गृह मंत्री अमित शाह) होता है। मुख्य सूचना आयुक्त का पद बेहद अहम है क्योंकि वो सूचना का अधिकार (RTI) से संबंधित सभी कार्यों को देखता है। RTI सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार को उजागर करने का एक प्रमुख साधन रहा है।