भारतीय शादियों में महिलाओं को पहननी चाहिए ये पोशाकें, हर क्षेत्र की है अपनी अलग पहचान
क्या है खबर?
भारतीय शादियां अपने रंग-बिरंगे और विविधता भरे उत्सवों के लिए जानी जाती हैं। हर क्षेत्र की शादी में खास पोशाकें होती हैं, जो उस क्षेत्र की संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती हैं। उत्तर भारत की बनारसी साड़ी से लेकर पश्चिमी भारत की गहना-कुंडल, हर क्षेत्र की शादी की पोशाकें अलग-अलग होती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि किस क्षेत्र की शादी में महिलाएं क्या पहनती हैं और उनकी खासियत क्या है।
#1
उत्तर भारत
उत्तर भारत में शादियों के लिए बनारसी साड़ी बहुत पसंद की जाती है। यह साड़ी अपने भारी कढ़ाई वाले बॉर्डर और चमकदार कपड़े के कारण जानी जाती है। इसके अतिरिक्त महिलाएं चूड़ीदार सलवार और दुपट्टा पहनती हैं। बनारसी साड़ी का रंग आमतौर पर लाल, गुलाबी या सोने-चांदी होता है। इस पोशाक में महिलाएं शाही अंदाज में नजर आती हैं और यह उनके विवाह समारोह को और भी खास बना देती है।
#2
पश्चिमी भारत
पश्चिमी भारत, विशेष रूप से गुजरात और राजस्थान, में शादियों के लिए गहना-कुंडल का उपयोग होता है। यहां की महिलाएं लहंगा-चोली पहनती हैं, जो रंग-बिरंगे होते हैं और इन पर भारी कढ़ाई होती है। इसके अलावा महिलाएं हाथों में मेहंदी लगवाती हैं, जो उनके हाथों को सजाती है। इस पोशाक में महिलाएं बहुत सुंदर लगती हैं और यह उनकी संस्कृति को दर्शाती है। लहंगा-चोली का डिजाइन और रंग भी बहुत आकर्षक होता है।
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पूर्वी भारत
पूर्वी भारत में, विशेष रूप से बंगाल में, शादी के लिए तसर साड़ी पहनी जाती है। यह साड़ी हल्की होती है और गर्मियों में बहुत आरामदायक होती है। तसर साड़ी आमतौर पर पीले, हरे या नीले रंग की होती हैं और इन पर बारीक कढ़ाई होती है। इसके साथ महिलाएं सफेद या लाल रंग की ब्लाउज पहनती हैं, जो उनके लुक को पूरा करते हैं। इस पोशाक में महिलाएं बहुत आकर्षक लगती हैं।
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दक्षिण भारत
दक्षिण भारत में, विशेष रूप से तमिलनाडु में, शादी के लिए कांजीवरम साड़ी पहनी जाती है। यह साड़ी रेशमी होती है और इसकी बनावट बहुत ही मजबूत होती है। कांजीवरम साड़ी आमतौर पर सोने-चांदी के धागे से बनी होती हैं। इसके साथ महिलाएं सुनहरे गहनों का उपयोग करती हैं, जो उनके लुक को और भी खास बनाते हैं। इस पोशाक में महिलाएं बहुत सुंदर लगती हैं और यह उनकी संस्कृति को दर्शाती है।