इन तरीकों से नकली ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स का लगाएं पता
क्या है खबर?
कुछ कंपनियां प्रचार के लिए अपने प्रोडक्ट्स को ईको-फ्रेंडली बताते हैं, जबकि वे प्रोडक्ट्स असल में होते नहीं है।
इसलिए जब आप किराने की दुकान या फिर किसी मॉल से कोई प्रोडक्ट खरीदने जाएं तो उसकी पैकेजिंग पर पेड़-पौधों और पक्षियों को देखकर यह न समझें कि वे ईको-फ्रेंडली हैं क्योंकि वे नकली भी हो सकते हैं।
आइए जानते हैं कि नकली ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स की पहचान कैसे की जा सकती है।
#1
नकली प्रमाणन से रहें सावधान
प्रमाणन (Certifications) ऐसे संकेत होते हैं, जो साबित करते हैं कि कोई प्रोडक्ट अपने द्वारा किए गए दावों को पूरा करता है या नहीं।
इसलिए अगर आप नकली प्रोडक्ट्स के झांसे में नहीं फंसना चाहते हैं तो कोई भी प्रोडक्ट खरीदने से पहले उसके लेबल को अच्छी तरह से पढ़ें और वो ही प्रोडक्ट खरीदें, जिनके लेबल पर फेयर ट्रेड, USDA प्रमाणित ऑर्गेनिक, GOTS और ब्लूसाइन जैसे प्रमाणन का जिक्र हो।
#2
फॉस्फेट फ्री डिटर्जेंट से बनाएं दूरी
अगर आपको डिटर्जेंट के पैकेट या बोतल पर फॉस्फेट फ्री लिखा हुआ दिखें तो उसे न खरीदें क्योंकि हर डिटर्जेंट फॉस्फेट फ्री होता है।
कुछ कंपनी अपने डिटर्जेंट पर फॉस्फेट फ्री इसलिए लिखवाती है ताकि उनका प्रोडक्ट ज्यादा बिके, लेकिन यह उल्लेख करने का कोई मतलब नहीं है।
बता दें कि काफी समय पहले ही डिटर्जेंट बनाने के लिए फॉस्फेट का इस्तेमाल होना बंद हो गया था। इसलिए फॉस्फेट फ्री डिटर्जेंट आम ही होते हैं।
#3
आकर्षक शब्दों से न होएं आकर्षित
अगर आपको किसी प्रोडक्ट के लेबल पर 'नेचुरल' 'ईको-फ्रेंडली' या फिर 'ऑर्गेनिक' जैसे शब्द लिखे हुए दिखे तो समझ जाइए कि यह नकली प्रोडक्ट हो सकते है।
दरअसल, कई कंपनियां पर्यावरण के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए अपने प्रोडक्ट्स पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करती हैं।
अगर आप ऐसे नकली ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स से बचना चाहते हैं तो प्रोडक्ट्स खरीदने से पहले उनकी विशेष वेबसाइटों की जांच करें और देखें कि प्रोडक्ट्स वास्तव में इको-माइंडेड है या नहीं।
#4
पैकेजिंग पर प्रकृति से जुड़ी चीजों की फोटो देखकर न होएं प्रभावित
सिर्फ गलत प्रमाणन और आकर्षित शब्दों से ही कुछ कंपनियां अपने नकली ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स को नहीं बेचती बल्कि कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स के लेबल पर पेड़-पौधे या फिर पशु-पक्षियों की तस्वीरों या आकृतियों को छपवा देती हैं, जिससे लोगों की लगे कि उनके प्रोडक्ट्स ईको-फ्रेंडली हैं, जबकि वे होते ही नहीं है।
इसलिए कोई भी प्रोडक्ट खरीदने से पहले उसके लेबल को अच्छे से देंखे और पढ़े ताकि आप नकली ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स खरीदने से बच जाएं।