
विभिन्न प्रकार की क्रंच एक्सरसाइज और इनसे मिलने वाले लाभ
क्या है खबर?
क्रंच एक ऐसी एक्सरसाइज है, जो मुख्य रूप से पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए की जाती है। सही तरीके से करने पर यह न केवल आपके पेट को हल्का करती है, बल्कि आपके पूरे शरीर पर सकारात्मक असर डालती है। इस लेख में हम आपको क्रंच के अलग-अलग प्रकारों और उनके फायदे बताएंगे, जिससे आप अपने एक्सरसाइज के तरीके को और भी असरदार बना सकें।
#1
बेसिक क्रंच
बेसिक क्रंच सबसे सरल और आमतौर पर किया जाने वाला प्रकार है। इसमें आप पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ते हैं और कंधों को जमीन से उठाते हुए पेट की मांसपेशियों पर दबाव डालते हैं। इसे सही तरीके से करने के लिए ध्यान रखें कि आपका सिर और कंधे केवल थोड़ा सा उठें ताकि आपकी पीठ पर दबाव न पड़े। इस एक्सरसाइज को नियमित रूप से करने से आपके पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
#2
रिवर्स क्रंच
रिवर्स क्रंच एक ऐसा प्रकार है, जिसमें आप अपने पैरों को ऊपर की ओर उठाते हुए पेट की मांसपेशियों पर अधिक दबाव डालते हैं। इसमें आपको अपने घुटनों को सीने की ओर खींचना होता है और फिर धीरे-धीरे नीचे लाना होता है। इसे करते समय ध्यान रखें कि आपकी पीठ पूरी तरह से जमीन पर टिकी रहे ताकि आपकी पीठ पर अधिक दबाव न पड़े। यह एक्सरसाइज पेट के निचले हिस्से को मजबूत करने में मदद करती है।
#3
साइड क्रंच
साइड क्रंच एक ऐसा प्रकार है, जिसमें आप किनारे की पेट की मांसपेशियों पर दबाव डालते हैं। इसमें आपको अपने एक कंधे को दूसरे कंधे की ओर ले जाना होता है, जिससे आपकी पेट की बगल वाली मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इस एक्सरसाइज को करते वक्त भी आपको अपनी पीठ पर दबाव नहीं पड़ने देना है। यह एक्सरसाइज पेट के किनारे के हिस्सों को हल्क करने में मदद करती है।
#4
ट्विस्टेड क्रंच
ट्विस्टेड क्रंच एक ऐसा प्रकार है, जिसमें आपको अपने पेट को मोड़ते हुए क्रंच करना होता है। इसमें आपको अपने एक कंधे को दूसरे कंधे की ओर ले जाना होता है, जिससे आपकी पेट की अंदरूनी मांसपेशियां मजबूत होती हैं। पीठ को पूरी तरह से जमीन पर टिकाकर रहे ताकि आपकी पीठ पर अधिक दबाव न पड़े। यह एक्सरसाइज पेट के अंदरूनी हिस्से को हल्का करने में मदद करती है।
महत्वपूर्ण टिप्स
क्रंच करते समय इन बातों का रखें खास ध्यान
क्रंच करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि आप इसे सही तरीके से कर सकें और चोट से बच सकें। सबसे पहले, अपनी गर्दन को खींचने से बचें और कंधों को आराम दें। इसके अलावा सांस लेते समय नीचे की ओर जाएं और सांस छोड़ते समय ऊपर आएं। हमेशा धीरे-धीरे और नियंत्रित गति से एक्सरसाइज करें। अगर आपको किसी प्रकार की चोट या समस्या है तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसे करें।