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भारत की 5 पारंपरिक वस्त्र शैलियां, जो बन गई हैं पहचान
भारत की पारंपरिक वस्त्र शैलियां

भारत की 5 पारंपरिक वस्त्र शैलियां, जो बन गई हैं पहचान

लेखन अंजली
Dec 22, 2025
04:13 pm

क्या है खबर?

भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता के लिए जाना जाता है। यहां की पारंपरिक वस्त्र शैलियां न केवल सुंदर होती हैं, बल्कि इनकी कहानी भी बहुत दिलचस्प है। ये वस्त्र शैलियां सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं और आज भी इनकी मांग बनी हुई है। आइए आज हम आपको भारत की पांच प्रमुख पारंपरिक वस्त्र शैलियों के बारे में बताते हैं, जो भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा हैं।

#1

खादी

खादी भारत की एक प्रमुख पारंपरिक वस्त्र शैली है, जो महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन से जुड़ी हुई है। यह सूती कपड़े का बना होता है और इसे हाथ से बुना जाता है। खादी न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी समर्थन देता है। आजकल खादी के कपड़े फैशन में भी हैं और इन्हें विभिन्न प्रकार के परिधानों में इस्तेमाल किया जा रहा है।

#2

चिकनकारी

चिकनकारी लखनउ की एक प्रसिद्ध कढ़ाई तकनीक है, जो कपड़ों को सुंदर बनाने के लिए उपयोग की जाती है। इस कढ़ाई में बारीक धागे से विभिन्न पैटर्न बनाए जाते हैं, जिससे कपड़ों पर नाजुक डिजाइन उभरती हैं। चिकनकारी का इस्तेमाल कुर्ते, सलवार-कमीज, साड़ियां आदि में किया जाता है। यह कढ़ाई न केवल सुंदर दिखती है बल्कि इसे बनाने में बहुत मेहनत भी लगती है, जिससे यह कला आज भी जीवित है।

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#3

इकत

इकत उड़ीसा और आंध्र प्रदेश की एक पारंपरिक बुनाई तकनीक है, जिसमें रंगीन धागों का उपयोग करके विभिन्न पैटर्न बनाए जाते हैं। इस प्रक्रिया में धागों को पहले रंगा जाता है और फिर उन्हें विशेष तरीके से बुना जाता है। इकत कपड़े अपनी जीवंत रंगों और अनोखे डिजाइन के लिए जाने जाते हैं। इन कपड़ों का उपयोग साड़ियों, कुर्ते, दुपट्टे आदि बनाने के लिए किया जाता है, जो आजकल बहुत लोकप्रिय हैं।

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#4

कलमकारी

कलमकारी आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की पारंपरिक पेंटिंग तकनीक है, जिसमें हाथ से चित्रकारी की जाती है। इस प्रक्रिया में प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है, जिससे चित्रकारी अधिक जीवंत होती है। कलमकारी कपड़ों पर विभिन्न धार्मिक और पौराणिक चित्र बनाए जाते हैं। यह तकनीक न केवल सुंदर दिखती है बल्कि इसे बनाने में बहुत मेहनत भी लगती है, जिससे यह कला आज भी जीवित है।

#5

कांजीवरम

कांजीवरम तमिलनाडु की मशहूर साड़ियों की शैली है, जो अपनी गुणवत्ता और चमकदार रंगों के लिए जानी जाती हैं। इन साड़ियों को रेशम के धागों से बुना जाता है और इन पर सोने-चांदी के धागों से डिजाइन बनाए जाते हैं। ये साड़ियां शादियों और खास अवसरों पर पहनी जाती हैं। इन सभी पारंपरिक वस्त्र शैलियों से यह साफ होता है कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर कितनी समृद्ध है।

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