
बच्चों की महंगे उपहार की मांग को 'नहीं' कहने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके
क्या है खबर?
बच्चों की मांगों को पूरा करना माता-पिता के लिए एक चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है, खासकर जब बात महंगे उपहार की आती है। बच्चों को महंगे उपहार देने से न केवल आर्थिक बोझ बढ़ता है, बल्कि इससे उनकी अपेक्षाएं भी अनियंत्रित हो सकती हैं। इस लेख में हम आपको कुछ उपयोगी सुझाव देंगे, जिनसे आप बच्चों की महंगे उपहार की मांग को सही तरीके से संभाल सकते हैं और उन्हें समझा सकते हैं कि पैसे की अहमियत क्या है।
#1
बच्चों को पैसे की अहमियत समझाएं
बच्चों को पैसे की अहमियत समझाना बहुत जरूरी है। उन्हें बताएं कि पैसे कमाना कितना मुश्किल होता है और हर चीज के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं। इसके लिए आप उनसे पूछ सकते हैं कि वे अपने छोटे-बड़े खर्च खुद कैसे संभाल सकते हैं। इससे वे समझेंगे कि पैसे की अहमियत क्या है और हर बार महंगे उपहार खरीदना संभव नहीं होता है। इसके अलावा उन्हें बचत करने की आदत भी सिखाएं।
#2
बजट बनाएं और उसे पालन करें
माता-पिता को चाहिए कि वे पहले से ही एक बजट बना लें और उसे पालन करें। इससे उन्हें पता रहेगा कि वे कितनी राशि खर्च कर सकते हैं और कब रुकना चाहिए। बच्चों को भी इस बारे में जानकारी दें ताकि वे समझ सकें कि आपका बजट क्या है और क्यों आप उनकी महंगी मांग पूरी नहीं कर सकते। इसके अलावा बच्चों को यह भी बताएं कि बजट बनाने से वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र भी बन सकते हैं।
#3
विकल्प सुझाएं
अगर आपका बच्चा किसी महंगे खिलौने या उपहार की मांग कर रहा है तो उसके लिए सस्ते और उपयोगी विकल्प सुझाएं। उदाहरण के लिए अगर आपका बच्चा किसी महंगे खिलौने की मांग कर रहा है तो उसे समझाएं कि वह उसी तरह का खिलौना बाजार में सस्ते दाम पर भी मिल सकता है। इसके अलावा उसे यह भी बताएं कि सस्ते खिलौने भी उतने ही मजेदार होते हैं जितने महंगे होते हैं।
#4
धैर्य रखें और समझाएं
जब आपका बच्चा किसी महंगी चीज की मांग करता है तो उस समय धैर्य रखना बहुत जरूरी होता है। उसे शांतिपूर्वक तरीके से समझाएं कि हर बार उसकी सारी इच्छाएं पूरी करना संभव नहीं होता है। बच्चे अक्सर तुरंत प्रतिक्रिया चाहते हैं, लेकिन आपको धैर्य रखते हुए उन्हें सही तरीके से समझाना होगा ताकि वे आपकी बात समझ सकें। इससे वे आपकी बात मानेंगे और भविष्य में ऐसी मांग करने से बचेंगे।
#5
उदाहरण प्रस्तुत करें
बच्चे अपने माता-पिता से बहुत कुछ सीखते हैं, इसलिए जरूरी है कि आप खुद एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करें। अगर आप खुद बजट बनाते हैं, बचत करते हैं और जरूरत पड़ने पर ही खर्च करते हैं तो बच्चे भी आपकी तरह ही व्यवहार करेंगे। बच्चों को यह दिखाएं कि कैसे छोटी-छोटी बचत बड़ी बचत में बदल सकती है और कैसे वे अपनी इच्छाओं को नियंत्रित कर सकते हैं।