स्ट्रोक के खतरे को कम करने में सहायक हैं ये योगासन, जानिए अभ्यास का तरीका
मस्तिष्क की रक्त वाहिका फटने या मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति में कोई रुकावट होने पर स्ट्रोक का खतरा पैदा हो सकता है। ये एक जानलेवा बीमारी है और इसलिए इससे बचे रहना बेहद जरूरी है। इस काम में योग काफी मददगार हो सकता है क्योंकि ये सही तरीके से रक्त संचार में मदद करता है। चलिए फिर आज आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताते हैं, जिनकी मदद से स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है।
ताड़ासन
इस योगासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले चटाई पर बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने हाथों को जितना ऊंचा हो सके, उतना ऊंचा उठा लें और इस दौरान हाथों को एकदम सीधा रखें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे पूरे शरीर को खींचें और खिंचाव को पैर की उंगलियों से लेकर हाथ की उंगलियों तक महसूस करें। इस मुद्रा में कुछ मिनट रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
शलभासन
शलभासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले चटाई पर पेट के बल लेट जाएं और फिर अपने दोनों हाथों को जांघो के पीछे की ओर ले जाएं। अब लंबी सांस लेते हुए धीरे-धीरे अपने सिर के साथ-साथ अपने दोनों पैरों और गर्दन को ऊपर की तरफ उठाएं। ध्यान रहे कि आपका पेट जमीन पर ही रहना चाहिए। कुछ मिनट बाद इस मुद्रा को धीरे-धीरे छोड़ते हुए सामान्य हो जाएं। इस आसन को आप 10-12 बार दोहरा सकते हैं।
भुजंगासन
इसके अभ्यास के लिए सबसे पहले चटाई पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, उठाने की कोशिश करें। कुछ मिनट इसी मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। इस योगासन के नियमित अभ्यास से न सिर्फ स्ट्रोक बल्कि कई अन्य बीमारियों के खतरों को कम करने में भी सहायता मिल सकती है।
उत्तानासन
उत्तानासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले चटाई पर सीधे खड़े हो जाएं। इसके सांस छोड़ते हुए और कूल्हों की तरफ से मुड़ते हुए नीचे झुकें। ध्यान रहें कि आपके घुटने बिल्कुल सीधे हों और पैर एक−दूसरे के समानांतर हों। इसके बाद अपने हाथों से अपने पंजों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे−धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। यकीनन इस योगासन के नियमित अभ्यास से आपको काफी फायदा होगा।