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मस्तिष्क की उम्र को कम कर सकते हैं रचनात्मक शौक, अध्ययन में हुआ खुलासा

मस्तिष्क की उम्र को कम कर सकते हैं रचनात्मक शौक, अध्ययन में हुआ खुलासा

लेखन सयाली
Dec 07, 2025
04:00 pm

क्या है खबर?

हम सबके अंदर कोई न कोई छिपी हुई प्रतिभा होती है, जो व्यस्तता के चलते शौक बनकर रह जाती है। ये शौक न केवल खुशी दे सकते हैं, बल्कि आपको मानसिक रूप से युवा महसूस करवा सकते हैं। जी हां, एक अध्ययन में कहा गया है कि रचनात्मक शौक मस्तिष्क की उम्र को कम करने में सहायक हो सकते हैं। इनमें नाचना, गाना और पेंटिंग आदि शामिल हो सकते हैं। आइए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से जानते हैं।

अध्ययन

13 देशों से जुटाई गई थी जानकारी

यह अध्ययन 13 देशों के शोधकर्ताओं ने मिलकर पूरा किया है। इनमें आयरलैंड के ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन और पोलैंड के SWPC विश्वविद्यालय की टीमें शामिल थीं। इस शोध को अक्टूबर में 'नेचर कम्युनिकेशंस' नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। शोधकर्ताओं ने दुनियाभर के सभी उम्र के 1,400 से अधिक वयस्कों के मस्तिष्क के डाटा का विश्लेषण किया था। जांच के दौरान अनुभवी और गैर रचनात्मक, दोनों प्रकार के लोगों का डाटा एकत्रित किया गया था।

जांच

इस तरह की गई थी व्यसकों की जांच

शोधकर्ताओं ने टैंगो, संगीत, दृश्य कला और रणनीतिक गेमिंग में अनुभव रखने वाले लोगों के मस्तिष्क का डाटा जमा किया। तुलना के लिए उन्होंने ऐसे लोगों की भी जांच की, जिनके पास इन रचनात्मक गतिविधियों का कोई अनुभव नहीं था। इसके अलावा एक तीसरा समूह बनाया गया था, जिसने स्टारक्राफ्ट II नामक वीडियो गेम खेलना सीखा था। इससे शोधकर्ता यह देखना चाहते थे कि एक नया रचनात्मक कौशल सीखने से कुछ ही सप्ताह में मस्तिष्क पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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परिक्षण

दिमाग को स्कैन करके पूरा हुआ अध्ययन

सभी प्रतिभागियों का EEG और MEG मस्तिष्क स्कैन किया गया, जिसे मशीन लर्निंग 'ब्रेन एज' मॉडल या ब्रेन क्लॉक कहा जाता है। इससे यह अनुमान लगाया जाता है कि मस्तिष्क की जैविक और असल उम्र कितनी है। इसके बाद शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर मॉडल का उपयोग करके यह पता लगाया कि रचनात्मकता मस्तिष्क की रक्षा कैसे कर सकती है। सामने आया कि रचनात्मक शौक समन्वय, ध्यान, गति और समस्या-समाधान के लिए जिम्मेदार नेटवर्क को मजबूत करने में मदद करते हैं।

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नतीजे

क्या रहे अध्ययन के नतीजे?

अध्ययन में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से रचनात्मक शौक अपनाते हैं, उनके मस्तिष्क के पैटर्न उनकी वास्तविक उम्र से कम दिखाई देते हैं। सालों से रचनात्मक गतिविधियां करने वाले लोगों के मस्तिष्क की आयु में सबसे ज्यादा कमी देखी गई। हालांकि, नए शौक अपनाने वालों के दिमाग की आयु में भी कमी देखी गई, क्योंकि रणनीतिक खेलों ने लगभग 30 घंटे के प्रशिक्षण के बाद मस्तिष्क की आयु के सूचकों को बढ़ा दिया।

निष्कर्ष

डॉक्टरों ने कही ये बात

ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन और यूनिवर्सिडैड एडोल्फो इबानेज के ग्लोबल ब्रेन हेल्थ इंस्टीट्यूट के प्रथम लेखक कार्लोस कोरोनेल ने कहा, "रचनात्मकता से लाभ उठाने के लिए आपको विशेषज्ञ होने की जरूरत नहीं है।" SWPS विश्वविद्यालय की शोधकर्ता अनीता ब्रेजिका ने कहा, "निष्कर्ष बताते हैं कि रचनात्मक गतिविधियों को मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए शैक्षिक और स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए।" इससे बच्चे इन शौक का लाभ छोटी उम्र से ही उठा पाएंगे।

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