स्कूल जीवन को दर्शाती हैं ये 5 नॉस्टैल्जिक किताबें, एक बार जरूर पढ़ें
हिंदी साहित्य में स्कूल जीवन पर लिखी गई किताबें न केवल मनोरंजक होती हैं, बल्कि वे हमारे बचपन की यादों को भी ताजा करती हैं। ये किताबें हमें उस समय के मासूमियत भरे दिनों की याद दिलाती हैं जब हम स्कूल जाते थे। यहां 5 ऐसी किताबे हैं, जो स्कूल जीवन के अनुभवों को बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत करती हैं और हमें उन दिनों की सैर कराती हैं।
राग दरबारी (श्रीलाल शुक्ल)
श्रीलाल शुक्ल की यह किताब एक व्यंग्यात्मक उपन्यास है, जो एक गांव के स्कूल और उसके आसपास के समाज को दर्शाती है। यह किताब 1969 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हुई थी। इस किताब में लेखक ने गांव के स्कूल और पंचायत के माध्यम से आधुनिक भारतीय जीवन की निरर्थकता को उजागर किया है। यह किताब स्कूल जीवन के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था का भी एक अहम चित्रण प्रस्तुत करती है।
आपका बंटी (मन्नू भंडारी)
मन्नू भंडारी की यह किताब 9 वर्षीय बंटी की कहानी है, जो अपने माता-पिता के तलाक के साथ जूझ रहा है। यह किताब एक छोटे बच्चे के नजरिये से पारिवारिक संघर्षों का मर्मस्पर्शी वर्णन करती है। इसमें बंटी का स्कूल जीवन, उसके दोस्त और उसकी मासूमियत का चित्रण बहुत ही संवेदनशीलता से किया गया है। यह किताब न केवल बच्चों बल्कि बड़ों को भी सोचने पर मजबूर कर देती है।
निर्मला (मुंशी प्रेमचंद)
मुन्शी प्रेमचंद की यह अहम कृति निर्मला नामक युवती की कहानी बताती है, जिसे एक मध्य आयु वर्ग के व्यक्ति से विवाह कर दिया जाता है। इस उपन्यास में विवाह में आयु असमानता और दहेज प्रथा जैसे मुद्दों को उठाया गया है। मुख्य कहानी विवाह पर केंद्रित होती है, लेकिन इसमें निर्मला का विद्यालय जीवन और उसके संघर्ष भी दिखाए गए हैं, जिससे पाठकों को उस समय की सामाजिक स्थिति का अंदाजा होता है।
टोपी शुक्ला (राही मासूम रजा)
रही मासूम रजा द्वारा लिखित 'टोपी शुक्ला' दो बच्चों की कहानी बताती है जो अलग-अलग धर्मों से होते हुए भी गहरे दोस्त बन जाते हैं। इस उपन्यास में उनके विद्यालय जीवन, उनकी दोस्ती और समाज द्वारा उनपर डाले गए धार्मिक दबावों का मार्मिक चित्रण किया गया है। यह किताब आज भी उतनी ही प्रासंगिक लगती है जितनी कि इसके लिखे जाने वाले समय में थी।
दस दिन (बोर्ड बुक)
यह हिंदी नर्सरी राइम बोर्ड बुक बच्चों को हिंदी में गिनती सिखाने का मजेदार तरीका प्रदान करती है। इसमें फ्लैप्स और टैब्स होते हैं, जो बच्चों के लिए आकर्षक होते हैं और उन्हें पढ़ाई में मजा आता है। 'दस दिन' न केवल बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा देने वाली किताब है बल्कि उनके शुरुआती विद्यालय दिनों की यादें भी ताजा करती है, जिससे वे सीखने के साथ-साथ आनंद भी लेते हैं।