पंजाबी महिलाओं के पारंपरिक परिधान होते हैं बेहद सुंदर, आइए इनके बारे में जानें
पंजाबी महिलाओं का पारंपरिक पहनावा उनकी संस्कृति और धरोहर का प्रतीक है। यह पहनावा न केवल सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि आरामदायक भी होता है। सलवार-कमीज, पटियाला सलवार, फुलकारी दुपट्टा और पंजाबी जूती जैसे परिधान पंजाबी महिलाओं के रोजमर्रा और विशेष अवसरों के लिए अहम होते हैं। इन परिधानों में रंग-बिरंगी कढ़ाई और खूबसूरत डिजाइनों का उपयोग किया जाता है, जिससे हर उम्र की महिलाएं इन्हें पसंद करती हैं। आज के फैशन टिप्स में इनके बारे में जानें।
सलवार-कमीज
सलवार-कमीज पंजाबी महिलाओं का सबसे लोकप्रिय पारंपरिक परिधान है। सलवार ढीली पैंट होती है, जो कमर से लेकर टखनों तक फैली होती है, जबकि कमीज एक लंबी कुर्ती होती है जो घुटनों तक आती है। इसे पहनने से न केवल आराम मिलता है, बल्कि यह बहुत ही आकर्षक भी दिखती है। सलवार-कमीज को विभिन्न रंगों और डिजाइनों में पहना जा सकता है, जिससे यह हर अवसर के लिए उपयुक्त बन जाती है।
पटियाला सलवार
पटियाला सलवार एक खास प्रकार की सलवार होती है, जो पटियाला शहर से उत्पन्न हुई थी। इसमें अधिक कपड़ा इस्तेमाल होता है, जिससे यह बहुत ही फूली हुई और आरामदायक होती है। इसे आमतौर पर छोटी कमीज या कुर्तियों के साथ पहना जाता है। पटियाला सलवार को विशेष रूप से गर्मियों में पहना जाता है, क्योंकि इसका ढीला डिजाइन हवा को शरीर के अंदर आने देता है और शरीर को ठंडा रखता है।
फुलकारी दुपट्टा
फुलकारी दुपट्टा पंजाबी संस्कृति का अहम हिस्सा होता है, जिसमें रंग-बिरंगी कढ़ाई की जाती है। इसे किसी भी साधारण पोशाक के साथ पहना जा सकता है, ताकि उसे खास बनाया जा सके। फुलकारी दुपट्टे की कढ़ाई हाथों से की जाती है और इसमें फूलों व अन्य डिजाइनों का उपयोग किया जाता है। इसे शादी-ब्याह या त्योहार जैसे विशेष अवसरों पर पहना जाता है, जिससे यह हर उम्र की महिलाओं में लोकप्रिय होता है।
पंजाबी जूती
पंजाबी जूती एक प्रकार की पारंपरिक फुटवियर होती है, जिसे चमड़े या कपड़े से बनाया जाता है और उसपर सुंदर कढ़ाई की जाती है। ये जूतियां न केवल आरामदायक होती हैं, बल्कि किसी भी पारंपरिक पोशाक के साथ अच्छी लगती हैं। इन्हें शादी-ब्याह या त्योहार जैसे विशेष अवसरों पर पहना जाता है। पंजाबी जूतियों में विभिन्न रंग और डिजाइन होते हैं, जो हर उम्र की महिलाओं को पसंद आते हैं।
लहंगा-चोली
लहंगा-चोली पंजाबियों का एक अहम पारंपरिक पहनावा है। लहंगा एक लंबी स्कर्ट होती है, जिसे चोली नामक ब्लाउज के साथ पहना जाता है। इसके साथ अक्सर भारी गहने और दुपट्टा भी शामिल होते हैं। लहंगा-चोली खासकर शादी-ब्याह जैसे बड़े आयोजनों में पहनी जाती है। यह पहनावा न केवल सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि पारंपरिक धरोहर को भी दर्शाता है, जिससे हर उम्र की महिलाएं इसे पसंद करती हैं।