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भगवान कृष्ण का पसंदीदा वाद्य यंत्र है बांसुरी, जानिए इसका इतिहास और अन्य जरूरी बातें
बांसुरी का इतिहास और अन्य जरूरी बातें

भगवान कृष्ण का पसंदीदा वाद्य यंत्र है बांसुरी, जानिए इसका इतिहास और अन्य जरूरी बातें

लेखन सयाली
Aug 15, 2025
02:42 pm

क्या है खबर?

हम सभी जानते हैं कि भगवान कृष्ण को अपनी बांसुरी से बहुत प्रेम था, जिसकी ध्वनि सुनकर सभी मोहित हो जाया करते थे। यह एक भारतीय संगीत वाद्य यंत्र है, जो हमारी संस्कृति का भी अहम हिस्सा माना जाता है। इसका उपयोग भारतीय शास्त्रीय संगीत में किया जाता है। आइए आज हम आपको इस संगीत वाद्य यंत्र से जुड़ी सभी जरूरी बातें बताते हैं और इसके इतिहास पर भी नजर डालते हैं।

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बांसुरी का इतिहास

बांसुरी का इतिहास सदियों पुराना है। इसका उल्लेख प्राचीन हिंदू किताबों में भी मिलता है। इसे आम तौर पर बांस से बनाया जाता है और यह मुंह से बजाया जाने वाला वाद्य यंत्र है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण बांसुरी बजाया करते थे और हर वक्त उसे अपने पास रखते थे। पुराने समय से लेकर आज तक बांसुरी भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा रही है और इसका उपयोग अलग-अलग धार्मिक और सांस्कृतिक अवसरों पर किया जाता रहा है।

#2

बांसुरी के प्रकार

बांसुरी मुख्य रूप से 2 प्रकार की होती है, जिन्हें लंबी और छोटी बांसुरी कहते हैं। लंबी बांसुरी का आकार लगभग 3 फीट तक होता है। इसमें 6 से 7 छेद होते हैं, जिनसे अलग-अलग सुर निकलते हैं। दूसरी ओर छोटी बांसुरी का आकार लगभग 1-2 फीट तक होता है। इसमें भी 6 से 7 छेद होते हैं, लेकिन इसका स्वर लंबी बांसुरी से अलग होता है। दोनों प्रकार की बांसुरी अलग-अलग धुनें उत्पन्न करती हैं।

#3

कैसे बनाई जाती है बांसुरी?

बांसुरी बनाने के लिए सबसे पहले बांस को काटा जाता है और उसकी लंबाई तय की जाती है। इसके बाद छेद बनाए जाते हैं, ताकि उनमें से ध्वनि निकल सके। इसके बाद बांस को चमकाया जाता है, ताकि उसका स्वर साफ आए। अंत में बांस को फिनिशिंग टच दिए जाता है, ताकि वह देखने में अच्छी लगे और अच्छी ध्वनि पैदा करे। इस प्रक्रिया में कई विशेषज्ञ शामिल होते हैं, जो बांसुरी बनाने में माहिर होते हैं।

#4

बांसुरी बजाने की तकनीक

बांसुरी बजाने के लिए सबसे पहले एक ओर के छेद से हवा फूंकी जाती है। इसके बाद उंगलियों का उपयोग करके अलग-अलग छेदों को ढंका जाता है, ताकि अलग-अलग सुर उत्पन्न हो सकें। शुरुआत में यह मुश्किल लग सकता है, लेकिन अभ्यास करने पर आप आसानी से इसे बजा सकेंगे। धैर्य और नियमित अभ्यास से आप इस कला में माहिर हो सकते हैं और अलग-अलग तरह की मधुर धुनें निकाल सकते हैं।

#5

कुछ प्रसिद्ध बांसुरी वादक

भारत में कई प्रसिद्ध बांसुरी वादक हुए हैं, जिन्होंने अपनी कला से दुनिया को मंत्रमुग्ध किया है। पंडित हरिप्रसाद चौरसिया और पंडित शिवकुमार शर्मा जैसे महान कलाकारों ने अपनी बांसुरी वादन कला से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। उनकी प्रस्तुतियां आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं और संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज करती हैं। इस जानकारी से स्पष्ट होता है कि बांसुरी केवल एक संगीत वाद्य यंत्र नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है।