श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: देश के विभिन्न हिस्सों में कैसे मनाया जाता है यह त्योहार?
क्या है खबर?
कृष्ण जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी या केवल जन्माष्टमी के नाम से भी जाना जाता है और इस बार 7 सितंबर को यह त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाएगा।
हालांकि, उत्सव से जुड़ी परंपराएं और रीति-रिवाज एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न होते हैं। कहीं पर दही हांडी का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है तो कहीं पर कृष्ण जन्म से जुड़ी झाकियां निकाली जाती हैं।
आइए जानते है कि भारत के विभिन्न हिस्सों में कृष्ण जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है।
#1
मथुरा और वृंदावन (उत्तर प्रदेश)
भगवान कृष्ण की जन्मस्थली और बचपन के घर मथुरा और वृंदावन में धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई जाती है।
इस अवसर पर इन जगहों पर 'दही हांडी' के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें युवा पुरुष मक्खन या दही से भरे मिट्टी के बर्तन को तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाते हैं।
वहां के मंदिरों विशेष रूप से वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर को बहुत खूबसूरत सजाया जाता है और भक्त भगवान के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं।
#2
गुजरात
गुजरात में जन्माष्टमी 'रास लीला' प्रदर्शन के साथ मनाई जाती है, जहां भगवान कृष्ण के जीवन के दृश्य, विशेष रूप से गोपियों के साथ उनकी चंचल बातचीत को नृत्य और नाटक के माध्यम से दोहराया जाता है।
लोग अपने घरों के बाहर सुंदर रंगोली भी बनाते हैं। इसके अतिरिक्त घर में चूरमा, पंजीरी और मोहनथाल जैसी पारंपरिक मिठाइयां तैयार की जाती हैं और भगवान कृष्ण को अर्पित की जाती हैं।
#3
महाराष्ट्र
दही हांडी की परंपरा महाराष्ट्र में भी प्रचलित है, जहां गोविंदा नामक समूह ऊंचाई पर लटकाई गई हांडी को तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाते हैं।
इस कार्यक्रम का आयोजन विशेष रूप से मुंबई के दादर और लालबाग जैसी जगहों में देखने को मिलता है, जहां दही हांडी प्रतिस्पर्धा होती है।
वहां इस अवसर पर विशेष जन्माष्टमी जुलूस भी आयोजित किए जाते हैं, जिनमें भगवान कृष्ण की मूर्तियां भी होती हैं।
#4
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में जन्माष्टमी को 'नंदा उत्सव' के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर भक्त आधी रात तक उपवास रखते हैं और जब भगवान कृष्ण का जन्म होता है तो वे अपना उपवास तोड़ते हैं।
इसके अतिरिक्त कृष्ण के बाल रूप की प्रतिमा के लिए विशेष झूला सजाया जाता है और भक्ति गीत समेत नृत्य प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं।
साथ ही इस अवसर पर तरह-तरह की बंगाली मिठाइयां भी बनाई जाती हैं।
#5
तमिलनाडु और केरल
तमिलनाडु और केरल जैसे दक्षिणी राज्यों में कृष्ण जन्माष्टमी को 'गोकुलाष्टमी' के रूप में मनाया जाता है।
इस मौके पर भक्त 'सीदाई' और 'मुरुक्कू' जैसी विभिन्न मिठाइयां और नमकीन तैयार करते हैं।
इसके अलावा वहां पूजा कक्ष की ओर जाने वाले चावल के आटे से छोटे पैरों के निशान भी बनाए जाते हैं, जो भगवान के घर में आने का प्रतीक माने जाते हैं।
वहां कृष्ण के बचपन के साहसिक कारनामों से जुड़ी झाकियां भी निकाली जाती हैं।