
स्वर्ण मंदिर के बारे में जानिए ये 5 महत्वपूर्ण बातें, एक बार जरूर करें यात्रा
क्या है खबर?
पंजाब के अमृतसर शहर में स्थित स्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब या दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है। यह सिखों का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र गुरुद्वारा है। स्वर्ण मंदिर का निर्माण 1589 में गुरु राम दास जी ने करवाया था। इस गुरुद्वारे की खासियत है कि यहां दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं को मुफ्त में भोजन दिया जाता है। आइए आज हम आपको स्वर्ण मंदिर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
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स्वर्ण मंदिर का नाम कैसे पड़ा?
स्वर्ण मंदिर का नाम 'स्वर्ण' इसलिए रखा गया क्योंकि इसके गुंबद को सोने की पत्तियों से ढका हुआ है। इस मंदिर का निर्माण 1589 में गुरु राम दास जी ने करवाया था, लेकिन इसके बाद भी इस मंदिर का निर्माण कई चरणों में हुआ। स्वर्ण मंदिर की खासियत है कि यहां के गुंबद को बनाने के लिए 1604 में गुरु हरिगोबिंद सिंह ने सोने की परत चढ़ाई थी। इसके बाद से इस मंदिर का नाम स्वर्ण मंदिर पड़ा था।
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स्वर्ण मंदिर की वास्तुकला है बहुत खूबसूरत
स्वर्ण मंदिर की वास्तुकला बहुत खूबसूरत है। यह हिंदू, मुस्लिम और सिख वास्तुकला का बेहतरीन मिश्रण है। इस मंदिर में सफेद संगमरमर और सोने की परत चढ़ी हुई है, जो इसे बेहद आकर्षक बनाती है। इसके अलावा यहां के दीवान-ए-आम हॉल में 1,000 से अधिक धार्मिक ग्रंथों का संग्रह भी है। यहां पर आने वाले श्रद्धालु इन ग्रंथों का पाठ कर सकते हैं और अपने मन की शांति के लिए प्रार्थना कर सकते हैं।
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स्वर्ण मंदिर का पवित्र सरोवर
स्वर्ण मंदिर के चारों ओर स्थित सरोवर इसे और भी खास बनाता है। इस सरोवर का पानी अमृत माना जाता है, जिसे श्रद्धालु अपने शरीर पर लगाते हैं। इसे अमृत सरोवर भी कहा जाता है। यहां पर स्नान करने से मन को शांति मिलती है और आत्मा की शुद्धि होती है। इसके अलावा इस सरोवर के किनारे बैठकर ध्यान करने से मन को शांति मिलती है और आध्यात्मिक अनुभव होता है। यह सरोवर पूरे परिसर का मुख्य आकर्षण है।
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सभी धर्मों का स्वागत
स्वर्ण मंदिर सभी धर्मों के लोगों का स्वागत करता है। यहां पर किसी भी धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता है। सभी लोग बिना किसी भेदभाव के यहां आ सकते हैं और अपनी आस्था अनुसार पूजा-अर्चना कर सकते हैं। इस गुरुद्वारे में हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं और लंगर (मुफ्त भोजन) का आनंद लेते हैं। लंगर में सभी लोगों को एक साथ बैठाकर भोजन कराया जाता है।
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स्वर्ण मंदिर में लंगर
स्वर्ण मंदिर में लंगर सेवा बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर हर दिन हजारों लोगों को मुफ्त भोजन कराया जाता है। यह सेवा बिना किसी भेदभाव के सभी धर्मों के लोगों के लिए खुली रहती है। लंगर में बैठकर सभी लोग एक साथ भोजन करते हैं, जिससे भाईचारा और समानता की भावना बढ़ती है। यहां पर परोसा जाने वाला भोजन शुद्ध शाकाहारी होता है और इसे बड़े ही प्यार से तैयार किया जाता है।