हिंदी दिवस: जानिए इसका इतिहास, महत्व और मनाने का तरीका
क्या है खबर?
देशभर में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य देश में हिंदी की अनदेखी को रोकना और भाषा को बढ़ावा देना है।
भले ही यह भारत की राष्ट्रीय भाषा नहीं है, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार देवनागरी लिपि में हिंदी भाषा संघ यानि केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा है।
आइए आज हम आपको हिंदी दिवस का इतिहास, महत्व और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
इतिहास
14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस?
महात्मा गांधी ने साल 1918 में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कहा था।
आजादी मिलने के बाद बहुत सोच-विचार के बाद आखिरकार 14 सितंबर, 1949 को संविधान में हिंदी को राजभाषा बनाने का फैसला लिया गया।
इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अनुरोध पर 1953 से 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
अंतर
राष्ट्रीय हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस नहीं हैं एक
कुछ लोग राष्ट्रीय हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस को एक ही मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है।
विश्व हिंदी दिवस दुनियाभर में हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है, वहीं देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाने का फैसला लिया था।
इसका कारण है कि 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा के तौर पर अपनाया गया था, इसी कारण इस दिन राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।
महत्व
हिंदी दिवस मनाना क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत पर अंग्रेजों की गुलामी का असर यहां की भाषा पर भी पड़ा।
वैसे तो हिंदी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा है, लेकिन इसके बाद भी हिंदी को अपने ही देश में हीन भावना से देखा जाता है।
आज स्थिति यह है कि कई लोगों को हिंदी में गिनती तक समझ नहीं आती है।
इसके अतिरिक्त हिंदी बोलने वालों को लोग पिछड़ा और अंग्रेजी में बात करने वाले को आधुनिक समझते हैं।
तरीके
कैसे मनाया जाता है हिंदी दिवस?
हिंदी दिवस के मौके पर स्कूल, कॉलेज और कार्यालय में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।
कार्यक्रम में निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, कविता पाठ, नाटक आर प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है।
इसके अलावा हर साल हिंदी के विकास के लिए अच्छा काम करने वाले सरकारी दफ्तरों को पुरस्कार से सम्मानित भी किया जाता है।
इसी के साथ कई लोग सोशल मीडिया के जरिए भी हिंदी को बढ़ावा देने की कोशिश करते हैं।