भारत के किस राज्य से जुड़ा है कौन-सा शास्त्रीय नृत्य? जानिए महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
भारतीय शास्त्रीय नृत्य (क्लासिकल डांस) न केवल कला का एक रूप है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान कर सकता है।
इन डांस को करते समय विभिन्न मुद्राओं और तालों का उपयोग किया जाता है, जो शरीर का लचीलापन और संतुलन सुधारने में सहायक हो सकती हैं। इसके अलावा यह एकाग्रता और स्मरण शक्ति को भी बढ़ाती है।
आइए जानें कि किस राज्य का कौन-सा शास्त्रीय नृत्य है और उनके अभ्यास से क्या लाभ मिल सकते हैं।
#1
भरतनाट्यम
भरतनाट्यम तमिलनाडु का प्राचीन नृत्य रूप है, जो शरीर के संतुलन और लचीलापन को बढ़ावा देता है।
इसमें विभिन्न मुद्राएं जैसे अरमंडी (आधा बैठना) और मुरुमंडी (पूरा बैठना) शामिल हैं, जो पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बना सकती हैं।
इसके अलावा हाथों की मुद्राएं (हस्तक) और चेहरे के भाव (अभिनय) मानसिक एकाग्रता को सुधार सकती हैं।
इसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बन सकता है।
#2
कथक
कथक उत्तर भारत का प्रमुख शास्त्रीय नृत्य रूप है, जिसमें गति नियंत्रण महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
इसमें घूमने वाली गतियां और तालबद्ध कदम शामिल होते हैं, जो शरीर के संतुलन को सुधारते हैं।
कथक में घुंघरू पहनकर तालबद्ध ध्वनि उत्पन्न करना भी महत्वपूर्ण है, जिससे सुनने की क्षमता भी बेहतर होती है। इसके अभ्यास से शरीर और मन दोनों का संतुलन बेहतर होता है।
#3
कुचिपुड़ी
आंध्र प्रदेश का कुचिपुड़ी नृत्य ऊर्जा प्रबंधन पर केंद्रित है। इसमें तेज गति वाले कदमों के साथ-साथ धीमी कदम रखना शामिल हैं, जो ऊर्जा स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
इस नृत्य में अभिनय का विशेष महत्व है, जिससे मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।
कुचिपुड़ी अभ्यास से शरीर की सहनशक्ति बढ़ती है और ऊर्जा प्रबंधन बेहतर होता जाता है, जिससे व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनता है।
#4
ओडिसी
ओडिसी ओड़िशा राज्य का प्रमुख शास्त्रीय नृत्य रूप है, जिसमें विभिन्न मुद्राएं शामिल होती हैं।
इसमें त्रिभंगी मुद्रा (सिर, छाती, कमर का झुकाव) प्रमुख है, जिससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
इसके अलावा चक्करों वाली गतियां शरीर के संतुलन को सुधारती हैं। ओडिसी अभ्यास से मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है और शरीर का लचीलापन भी बेहतर होता है।
इससे समन्वय विकास में मदद मिलती है और व्यक्ति शारीरिक रूप से सशक्त बनता है।
#5
मोहिनीअट्टम
केरल का मोहिनीअट्टम सौम्यता और स्थिरता पर आधारित शास्त्रीय नृत्य है।
इसमें धीमी चालें और हाथों की गतियां शामिल हैं, जिनसे मनोवैज्ञानिक स्थिरता प्राप्त होती है।
इस नृत्य में चेहरे के भाव और आंखों की गतियों पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है।
प्रत्येक डांस शैली अपने आप में अनूठी है और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं।