कई औषधीय गुणों से समृद्ध होती है पीपली, जानिए इसके फायदे
आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बुटियां हैं जिनका इस्तेमाल शरीर की कई समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता रहा है। हालांकि जानकारी के अभाव और आधुनिक दवाइयों पर निर्भरता के कारण इनके इस्तेमाल में कमी आई हो, लेकिन फिर भी इनके गुणों को नकारा नहीं जा सकता है। इसी श्रेणी में पीपली भी शामिल है जिसके इस्तेमाल से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। आइए आज एक नजर पीपली के फायदों पर डालते हैं।
लिवर के स्वास्थ्य के लिए है लाभदायक
पीपली लिवर के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। रिसर्चगेट की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, इसमें हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं जो लिवर को कई तरह की बीमारियों के जोखिम से बचाने में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त इसमें ग्लूटाथिओन मौजूद होता है जो एंटी-ऑक्सीडेंट गुण की तरह काम करके फैटी लिवर की समस्या से बचाने में सहायक साबित हो सकता है। इसके लिए पीपली को अपनी डाइट में शामिल करें।
मलेरिया से बचाने में है सक्षम
मलेरिया मच्छर द्वारा फैलने वाला एक रोग है जिसमें लोगों को बुखार आता है। यह बुखार हर वर्ष देशभर में कई लोगों की जिंदगी छीन लेता है। हालांकि पीपली का सेवन इस वायरस के जोखिम को कम कर सकता है। एक शोध के अनुसार, इसमें एंटी-मलेरिया गुण पाए जाते हैं जो मलेरिया से बचाव और इसके प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
दांतों के दर्द से दिलाए राहत
दांतों में होने वाला दर्द बेहद असहनीय होता है, लेकिन पीपली का सेवन इससे राहत दिला सकता है। एक शोध के अनुसार, पीपली में पिपराइन नामक एल्कलॉइड पाया जाता है जो दांत के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। जब भी आपको दांतों में दर्द महसूस हो तो एक साबुत पीपली प्रभावित दांत से दबाकर धीरे-धीरे चबाएं और फिर बाथरूम के सिंक में मुंह की लार को बाहर निकालें। इसके बाद आपको काफी आराम मिलेगा।
खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में है प्रभावी
खराब कोलेस्ट्रॉल हृदय से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है, इसलिए इसके स्तर को कम करना जरूरी है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, पीपली में मौजूद एंटी-हाइपरकोलेस्टरोलेमिक गुण खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड्स (Triglyceride) का स्तर कम कर सकता है। खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में पीपली का पाउडर और तेल दोनों ही लाभकारी हो सकते हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल जरूर करें।