दक्षिणी कोलकाता के पांच प्रमुख दुर्गा पूजा पंडाल, जिनकी थीम है आकर्षण का केंद्र
दुर्गा पूजा भारत में मनाए जाने वाले सबसे प्रसिद्ध हिंदू त्योहारों में से एक है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस पांच दिवसीय त्योहार पर देश विभिन्न राज्यों सहित कोलकाता में नई और अनूठी थीम पर दुर्गा पूजा के पंडाल लगते हैं। अगर आपको कभी भी दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता के दक्षिण भाग में जाने का मौका मिले तो इन पांच पंडालों की भव्यता को निहारना नहीं भूलना चाहिए।
चेतला अग्रनी पंडाल
दक्षिणी कोलकाता के सबसे प्रमुख दुर्गा पूजा पंडालों में से एक चेतला अग्रनी हर साल हजारों लोगों को आकर्षित करता है। यह पंडाल 1958 में स्थापित दुर्गा पूजा क्लब की ओर से लगवाया जाता है। अपनी स्थापना के बाद से ही यह क्लब अपनी अनूठी थीम के लिए कई पुरस्कार जीत चुका है। इस साल पंडाल की थीम पर्यावरण से संबंधित होने के कारण इसकी सजावट के लिए केले के पत्तों और तनों का इस्तेमाल किया गया है।
न्यू अलीपुर का सुरुचि संघ पंडाल
दक्षिणी कोलकाता का एक और प्रमुख दुर्गा पूजा पंडाल सुरुचि संघ रेलवे स्टेशन, माजेरहाट और कालीघाट के करीब लगता है। यह पंडाल अपने कलात्मक प्रदर्शन और शिल्प कौशल के लिए लोकप्रिय है। आमतौर पर सुरुचि संघ की थीम हर साल एक अलग भारतीय राज्य का प्रतिनिधित्व करती है। इस पंडाल की समिति 50 साल से ज्यादा पुरानी है, लेकिन साल 2003 में सर्वश्रेष्ठ सजाए गए पंडाल का पुरस्कार जीतने के बाद इसे पहचान मिली।
बल्लीगंज का एकदलिया एवरग्रीन पंडाल
बल्लीगंज में एकदलिया एवरग्रीन क्लब द्वारा आयोजित किए जाने वाला दुर्गा पूजा पंडाल काफी रंगीन और आकर्षक सजावटी चीजें से सजाया जाता है। इस क्लब की स्थापना 1943 में की गई थी और इसके पंडाल की थीम पूरे भारत के विभिन्न मंदिरों के ऊपर होती है। इस पंडाल की साज-सज्जा और अन्य चीजें आपका मन मोह लेगी। यहां स्थापित की जाने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा शहर की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक होती है।
कालीघाट में बदमतला अशर संघ का पंडाल
कालीघाट में बदमतला अशर संघ का दुर्गा पूजा पंडाल रास बिहारी एवेन्यू पर कालीघाट मेट्रो स्टेशन के पास लगता है। यह समिति 1999 से अलग-अलग थीम पर पंडाल लगवाती है और इसे साल 2010 में बेहतरीन रचनात्मकता के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है। इस साल समिति अपना 84वीं वर्षगांठ मनाएगी और इस बार इनके पंडाल की थीम पैडंका है। वहीं, यहां की दुर्गा प्रतिमा भी आकर्षण का केंद्र होगी।
कालीघाटी के देशप्रिया पार्क का पंडाल
अपनी यूनिक थीम और सजावट के लिए प्रसिद्ध देशप्रिया पार्क का दुर्गा पूजा पंडाल कालीघाट के पास स्थित है। इसकी स्थापना 1938 में की गई थी और यह दक्षिणी कोलकाता के सबसे पुराने पंडालों में से एक है। साल 2015 में इसी पंडाल की सबसे ऊंची दुर्गा प्रतिमा ने लोगों का ध्यान खींचा था, जो कि लगभग 80 फीट ऊंची थी। हालांकि, अभी तक इस पंडाल की समिति ने 2022 के लिए अपनी थीम की घोषणा नहीं की है।