भगवान राम की नगरी अयोध्या में ये प्रसिद्ध मंदिर भी मौजूद, सबकी अपनी अलग मान्यताएं
आज अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण शुरू हो गया और इसी के साथ भक्तों का एक लंबा इंतजार खत्म हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद जाकर इस मंदिर की नींव रखी। क्या आपको पता है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि के अलावा कई ऐसे मंदिर हैं जो बेहद प्रसिद्ध हैं और उनसे कई धार्मिक मान्यताएं और कहानियां जुड़ी हुई हैं? आइए आपको इन मंदिरों के बारे में बताते हैं।
हनुमान गढ़ी
अयोध्या में हनुमान गढ़ी के नाम से हनुमान जी का एक भव्य मंदिर है जिसका निर्माण 10वीं सदी में हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर जाने से सबसे पहले हनुमान गढ़ी में हनुमान जी के दर्शन करने चाहिए। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी की आज्ञा के बिना भगवान राम के दर्शन नहीं होते हैं, इसलिए अयोध्या में पहले हनुमान गढ़ी जाकर हनुमान जी के दर्शन करने चाहिए।
नागेश्वरनाथ मंदिर
यह भगवान शिव का भव्य मंदिर है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण भगवान राम के पुत्र कुश ने करवाया था। माना जाता है जब कुश सरयू नदी में नहा रहे थे, तब उनका बाजूबंद खो गया था। बाजूबंद एक नाग कन्या को मिला जिसे कुश से प्रेम हो गया और वह एक शिवभक्त थी। कुश ने उसके लिए ही यह मंदिर बनवाया था। इसके अतिरिक्त शिवरात्रि का पर्व यहां बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
कनक भवन
रामलला की पावन भूमि के उत्तरपूर्व में स्थित यह मंदिर अपनी कलाकृति के लिए प्रसिद्ध है| इससे संबंधित मान्यता है कि माता कैकेयी ने प्रभु श्री राम और देवी सीता को विवाह के उपरांत यह भवन उपहार स्वरुप दिया था। कनक भवन के मुख्य गर्भग्रह में भगवान राम और माता सीता की सोने के मुकुट वाली मूर्तियां हैं और यह भवन काफी भव्य और सुंदर है। इसलिए यहां एक बार जाना तो बनता है।
मणि पर्वत
अयोध्या में स्थित मणि पर्वत का धार्मिक और पौराणिक महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी जब संजीवनी बूटी लेकर आ रहे थे तो उसका एक हिस्सा अयोध्या में गिर गया था। उस हिस्से को मणि पर्वत के नाम से जाना जाता है। मणि पर्वत की ऊंचाई 65 फीट है। इसलिए अगर आप पहाड़ी की चोटी पर खड़े होते हैं तो पूरे शहर और आसपास के क्षेत्रों का मनोरम दृश्य नजर आता है।