तनाव से हैं परेशान? इन तरीकों से एक्सरसाइज कर पाएं राहत
व्यस्त दिनचर्या और भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण आजकल हर किसी की जिंदगी तनावपूर्ण बन गई है। ऐसे में हर कोई ज्यादा सोचने, टेंशन, तनाव और स्ट्रेस आदि का शिकार बन चुका है जिनका दिमाग ही नहीं बल्कि पूरी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। डॉक्टर तनाव से बचने के लिए दिनचर्या में एक्सरसाइज शामिल करने की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं कि किस तरह से एक्सरसाइज करने से तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
खुद पर दबाव न डालें, धीरे-धीरे करें एक्सरसाइज की शुरूआत
अगर आप पहली बार एक्सरसाइज करने वाले हैं तो इससे पहले कुछ मिनट वार्मअप करें क्योंकि वार्मअप आपके शरीर को गर्म करता है जिससे आप अन्य एक्सरसाइज को आसानी से कर सकते हैं। इसके बाद कुछ दिनों तक एक्सरसाइज आराम-आराम से करें और फिर गति को बढ़ाएं। बेहतर होगा कि आप अपने शरीर पर किसी भी तरह का दबाव न डालें। ऐसा करने से न सिर्फ तनाव को दूर करने में मदद मिलेगी बल्कि शरीर भी फिट रहेगा।
रूटीन में शामिल करें कार्डियो और एरोबिक एक्सरसाइज
विशेषज्ञों की मानें तो चिंता और तनाव को दूर करने में कार्डियो और एरोबिक एक्सरसाइज काफी मदद कर सकती हैं। दरअसल, इस तरह की एक्सरसाइज मस्तिष्क में कुछ रसायनों को जल्दी से उत्तेजित करके एंडोर्फिन छोड़ती हैं जो आपको तरोताजा महसूस कराने के साथ-साथ तनाव को दूर करके मूड को अच्छा कर सकती हैं। इन एक्सरसाइज के तौर पर रोजाना कुछ मिनट किसी खुली जगह पर तेज चलें या दौड़ें।
छोटी-छोटी गतिविधियों से तनाव होगा दूर
बच्चों के साथ खेलने, दोस्तों के साथ घूमने या अपने पालतू कुत्ते को ट्रेनिंग देने के लिए पार्क में दौड़ने जैसी छोटी-छोटी गतिविधियों से भी तनाव को दूर करने में काफी मदद मिल सकती है। इसके अतिरिक्त आप चाहें तो योग का विकल्प भी चुन सकते हैं। आप योगाभ्यास के तौर पर अनुलोम-विलोम या कपालभारती जैसे प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं। प्राणायाम दिमाग को शांत करते हैं और इससे तनाव से दूरी बनी रहती है।
नियमित रूप से मेडीटेशन करें
तनाव को दूर करने के लिए एक्सरसाइज के रूप में मेडीटेशन करना भी अच्छा उपाय है। रोजाना मेडिटेशन करने से मस्तिष्क के तंत्रिका मार्ग बदल जाते हैं जो तनाव के कारकों को दूर करने में सहायता प्रदान करते हैं। इसके लिए सबसे पहले जमीन या कुर्सी पर सीधे बैठ जाएं और अपनी आंखों को बंद कर तेजी से ओउम् का जाप करें या सकारात्मक सोचें। रोजाना इस प्रक्रिया को पांच-छह बार दोहराएं।