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माता-पिता अपने बच्चों को जरूर सिखाएं ये 5 सामान्य शिष्टाचार
माता-पिता बच्चों को सिखाएं ये शिष्टाचार

माता-पिता अपने बच्चों को जरूर सिखाएं ये 5 सामान्य शिष्टाचार

लेखन अंजली
Dec 25, 2025
07:35 pm

क्या है खबर?

शिष्टाचार का मतलब है शिष्टता के साथ व्यवहार करना। यह एक ऐसा गुण है, जो न केवल हमारे व्यक्तिगत विकास में मदद करता है, बल्कि समाज में भी हमारे स्थान को मजबूत करता है, खासकर भारतीय माता-पिता के लिए यह जरूरी है कि वे अपने बच्चों को सही शिष्टाचार सिखाएं ताकि वे समाज में बेहतर तरीके से ढल सकें। आइए आज हम आपको कुछ सामान्य शिष्टाचार के बारे में बताते हैं, जो बच्चों को सिखाना चाहिए।

#1

दूसरों की बात ध्यान से सुनें

बच्चों को यह सिखाना बहुत जरूरी है कि वे दूसरों की बात ध्यान से सुनें। जब कोई उनसे बात करे तो उनकी आंखों में देखे और पूरी बात सुनने के बाद ही जवाब दे। इससे न केवल उनकी बातचीत की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि वे दूसरों की भावनाओं और विचारों का भी सम्मान करेंगे। यह आदत उन्हें सामाजिक संबंध बनाने में मदद करेगी और उन्हें एक अच्छे श्रोता बनने का अवसर देगी।

#2

धन्यवाद देना

धन्यवाद देना एक जरूरी शिष्टाचार है, जिसे बच्चों को जरूर सिखाना चाहिए। जब भी कोई उनके लिए कुछ करे या उन्हें कोई मदद करे तो उन्हें धन्यवाद कहना याद दिलाएं। यह छोटी सी बात उनके व्यक्तित्व को निखारती है और उन्हें विनम्र बनाती है। इससे वे दूसरों की मदद का आभार व्यक्त करना सीखते हैं और समाज में सकारात्मक संबंध बनाते हैं। धन्यवाद देना बच्चों में आभार की भावना भी विकसित करता है।

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#3

कृप्या कहना

कृप्या कहना भी एक अहम शिष्टाचार है, जिसे बच्चों को आदत बनानी चाहिए। जब वे किसी चीज की मांग करें या किसी से कुछ कहें तो 'कृप्या' जरूर बोलें। इससे वे विनम्रता सीखते हैं और लोगों के साथ अच्छे संबंध बना सकते हैं। यह आदत उनके व्यक्तित्व को निखारती है और उन्हें समाज में स्वीकार्यता दिलाती है। इसके अलावा 'कृप्या' बोलने से वे दूसरों का सम्मान करना भी सीखते हैं, जिससे उनका सामाजिक व्यवहार और भी बेहतर होता है।

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#4

सही समय पर माफी मांगना

गलती होने पर माफी मांगना भी बहुत जरूरी है। बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि अगर वे किसी की भावना को दुख करें या कोई गलती करें तो तुरंत माफी मांग लें। इससे वे अपनी गलतियों को स्वीकार करना सीखते हैं और सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। यह आदत उनके व्यक्तित्व को निखारती है और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाती है। माफी मांगने से वे दूसरों के प्रति संवेदनशील बनते हैं और समाज में सकारात्मक संबंध बनाते हैं।

#5

खाने के दौरान मुंह बंद रखना

जब बच्चे खाना खाते हैं तो मुंह बंद रखना जरूरी है ताकि उनकी आदतें सही हों और उन्हें शर्मिंदगी न उठानी पड़े। इसके अलावा खाने के दौरान चबाने की आवाज भी नहीं करनी चाहिए। यह छोटी-छोटी बातें बच्चों में अच्छे शिष्टाचार की आदतें विकसित करती हैं, जिससे वे समाज में बेहतर तरीके से ढल सकें और सकारात्मक संबंध बना सकें। इन सरल तरीकों से माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे शिष्टाचार सिखा सकते हैं।

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