कर्नापीड़ासन: ऐसा योग जो करना मुश्किल है लेकिन फायदे भी बहुत हैं, जानिये तरीका
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि नियमित तौर पर किया जाने वाला योगाभ्यास आपको स्वस्थ रखने में अहम भूमिका अदा कर सकता है। कुछ योगासन ऐसे हैं जिनका नाम आपने शायद ही कभी सुना हो। ऐसा ही एक योग कर्नापीड़ासन है जिसका रोजाना अभ्यास कई रोगों को दूर रखने का काम कर सकता है। इसलिए आज हम आपको इस योगासन से जुड़ी कुछ खास महत्वपूर्ण जानकारियां देने जा रहे हैं। चलिए फिर जानते हैं।
कर्नापीड़ासन क्या है?
यह एक प्रकार का योगासन है जिसको एक नहीं बल्कि कई नामों से जाना जाता है जैसे नी टू ईयर पॉज या ईयर प्रेशर पॉज आदि। यह योगासन कुछ-कुछ हलासन की मुद्रा की तरह होता है। इस आसन को करते समय ऊपरी पीठ के बल जमीन पर लेटना होता है और शरीर का मध्यम भाग ऊपर की ओर उठाना होता है। यह योगासन शरीर को लचीला बनाने के साथ ही शारीरिक संतुलन को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।
कर्नापीड़ासन करने का तरीका
सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं। फिर गहरी सांस लें और पैरों को धीरे-धीरे आसमान की ओर उठाते हुए सिर के पीछे ले जाने की कोशिश करें। इस तरह से हलासन की स्थिति बन जाएगी। अब आप अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर कानों के पास ले जाएं। कुछ देर इसी अवस्था में रहें और सामान्य गति से सांस लें। इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
कर्नापीड़ासन के अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
1) अगर आपको कई पेट संबंधित समस्या है या आपकी कोई सर्जरी हुई है तो इस योगासन का अभ्यास न करें। 2) अगर सिरदर्द है या गर्दन में चोट लगी है तब भी इस आसन को करने से बचें। 3) अगर इस योगासन के अभ्यास के दौरान कमर में किसी भी तरह की तकलीफ महसूस होती है तो इस योगासन का अभ्यास तुरंत छोड़ दें। 4) हाई ब्लड प्रेशर वाली रोगी भूल से भी इसका अभ्यास न करें।
कर्नापीड़ासन के अभ्यास से मिलने वाले फायदे
इस योगासन का नियमित अभ्यास कई प्रकार से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। उदाहरण के तौर पर कर्नापीड़ासन का नियमित अभ्यास शरीर को लचीला बनाने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त रीढ़ की हड्डी समेत पाचन तंत्र आदि पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बात अगर कर्नापीड़ासन के अभ्यास से मिलने वाले मानसिक स्वास्थ्य की करें तो यह मुख्य रूप से तनाव से आजादी दिलाने में काफी मददगार सिद्ध हो सकता है।