दिल्ली का डियर पार्क है बेहद प्रसिद्ध, जानिए इसकी खासियत
क्या है खबर?
दिल्ली में स्थित हौज खास का डियर पार्क बहुत प्रसिद्ध है। इसे एएन के नाम से भी जाना जाता है।
इस पार्क में आपको कई हिरण के साथ-साथ खरगोश और मोर जैसे पशु-पक्षी देखने को मिल सकते हैं।
यह पार्क लगभग 60 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और अगर आप अपने बच्चों के साथ घूमने जाते हैं तो उन्हें बहुत कुछ सीखने के अलावा मनोरंजक अनुभव मिल सकता है।
आइए इस पार्क की विशेषताओं के बारे में जानते हैं।
पार्क
पार्क में मौजूद हैं कई सुविधाएं
यह पार्क हिरण की बड़ी संख्या के लिए एक अलग पहचान रखता है। यहां आपको हिरण इधर-उधर घूमते और एक-दूसरे के साथ खेलते हुए आसानी से नजर आ सकते हैं।
पशु-पक्षियों को देखने के अलावा आप यहां पर तरह-तरह की गतिविधियों का भी आनंद ले सकते हैं।
यहां पर बच्चों के खेलने के लिए झूले और बड़ों के लिए जिम भी है। इसके अतिरिक्त यहां पर एक छोटी-सी कैंटीन भी है, जिसमें किफायती दाम पर खान-पान की चीजें उपलब्ध हैं।
जानकारी
पार्क के खुलने का समय और एंट्री फीस
इस पार्क के सबसे नजदीक हौज खास का मैट्रो स्टेशन है, जिसके लिए आपको यलो लाइन या मजेंटा लाइन से मेट्रो लेनी होगी।
आप चाहें तो इस पार्क तक पहुंचने के लिए कैब भी बुक कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, पार्क में घूमने के तय समय की बात करें तो यह सुबह 6 बजे से लेकर रात 8 बजे तक खुला रहता है और इसके लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
हालांकि, अब यह पार्क जल्द बंद होने वाला है।
कारण
क्या है पार्क के बंद होने का कारण?
1960 में बने इस पार्क में कुछ हिरणों को लाया गया था। उसके बाद से ही इनकी आबादी लगातार बढ़ती चली गई। ऐसे में इन्हें संभालना मुश्किल होने लग गया और हिरणों की तबीयत बिगड़ने लग गई।
ऐसे में 70 प्रतिशत हिरणों को राजस्थान और दिल्ली के जंगलों में छोड़ने का आदेश दिया जा चुका है।
यह आदेश सेंट्रल जू अथॉरिटी की ओर से जारी किया गया है।
प्रस्ताव
कई जानवरों को राजस्थान और दिल्ली में छोड़ा जाएगा
सेंट्रल जू अथॉरिटी के सदस्य सचिव डॉ. संजय कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में इसी साल 30 जनवरी को हिरणों को लेकर लिए गए प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करने के लिए एक बैठक आयोजित की गई थी।
प्रस्ताव में कहा गया था कि पार्क में 600 जानवरों को रखा जाएगा। ऐसे में मान्यता रद्द होने पर जानवरों को राजस्थान और दिल्ली के जंगलों में छोड़ा जाएगा।
बता दें कि इससे पहले पिछले साल भी यह प्रस्ताव रखा गया था।