दीपिका पादुकोण को पसंद हैं 'मिरेकल नूडल्स', जानिए इन्हें बनाने का तरीका और फायदे
क्या है खबर?
दीपिका पादुकोण बॉलीवुड की सबसे मशहूर अभिनेत्रियों में से एक हैं। वह जो भी करती हैं, वह एक ट्रेंड बन जाता है। हाल ही में उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें 'मिरेकल नूडल्स' बहुत पसंद हैं, जो एक किस्म के जापानी नूडल्स हैं। उन्हें 'शिराटाकी नूडल्स' भी कहते हैं, जिन्हें दीपिका तीखी सॉस के साथ खाती हैं। आइए जानते हैं इन्हें किस तरह बनाया जाता है और इनके सेवन के क्या फायदे होते हैं।
मिरेकल नूडल्स
क्या होते हैं मिरेकल नूडल्स?
जापानी भाषा में शिराटाकी का मतलब होता है 'सफेद झरना'। ये सफेद रंग के नूडल्स होते हैं, जो मैदे के नूडल्स के स्वस्थ विकल्प होते हैं। इन्हें ग्लूकोमानन से बनाया जाता है, जो कोनजैक पौधे की जड़ से पाया जाने वाला एक प्रकार का फाइबर होता है। मिरेकल नूडल्स में 97 प्रतिशत पानी और 3 प्रतिशत ग्लूकोमानन फाइबर मौजूद होता है। इनमें बहुत कम कैलोरी होती हैं और ये सेहत पर नकारात्मक प्रभाव भी नहीं डालते हैं।
रेसिपी
इस तरह बनाए जाते हैं ये नूडल्स
मिरेकल नूडल्स की रेसिपी बहुत आसान होती है और उसे कई अलग-अलग तरीकों के सॉस के साथ परोसा जा सकता है। इन्हें बनाने के लिए सबसे पहले ग्लूकोमानन के आटे को पानी के साथ गूंधा जाता है। इसमें आधा लाइम यानि हरे नींबू का रस डाला जाता है। इन नूडल्स के लिए गाढ़ा आटा गूंधना होता है, ताकि नूडल्स का आकार बना रहे। नूडल्स काटने के बाद उन्हें पानी में उबालकर खाया जाता है।
परोसना
दीपिका मिरेकल नूडल्स इस तरह खाना पसंद करती हैं
दीपिका के शेफ हर्ष दीक्षित ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि वह मिरेकल नूडल्स को किस तरह खाना पसंद करती हैं। उन्हें मिरेकल नूडल्स से बनने वाली रामेन अच्छी लगती हैं, जिसका सूप बेस तीखा हो। इसमें तारे (मसाला), सोया या मीसो सूप, सब्जियों का शोरबा, मिरेकल नूडल्स, प्रोटीन का स्त्रोत और सीजनिंग डाली जाती है। हर्ष दीपिका के लिए शिओ तारे (क्लियर सूप) और तोरी पैतान (मलाईदार सूप) वाले मिरेकल नूडल्स बनाते हैं।
फायदे
क्या होते हैं इस नूडल्स के फायदे?
मिरेकल नूडल्स में न के बराबर कैलोरी होती हैं, जिस कारण इन्हें खाने से वजन नहीं बढ़ता है। ये नूडल्स ग्लूकोमानन से भरपूर होते हैं, जो पाचन को धीमा करते हैं और पेट को देर तक भरा हुआ रखते हैं। अगर आप इन्हें कार्बोहाइड्रेट के साथ खाते हैं तो आपके ब्लड शुगर के स्तर में अचानक वृद्धि नहीं आएगी। इन्हें खाने के बाद पेट अच्छी तरह साफ हो जाता है और पाचन स्वास्थ्य दुरुस्त रहता है।