बोतलबंद पानी का सेवन शरीर के लिए खतरनाक, मौजूद होते हैं लाखों प्लास्टिक के कण- अध्ययन
क्या है खबर?
अगर आप यात्रा के दौरान बोतलबंद पानी खरीदते हैं तो बता दें कि इसका सेवन आपके शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
अमेरिका में हुए एक नए अध्ययन में सामने आया है कि दुकानों में बिकने वाले बोतलबंद पानी में लाखों छोटे-छोटे प्लास्टिक के कण होते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं को प्रभावित कर सकते हैं।
यह अध्ययन सोमवार को 'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसेज' में प्रकाशित हुआ।
अध्ययन
1 लीटर बोतलबंद पानी में होते हैं औसतन 2,40,000 प्लास्टिक कण
इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक के माध्यम से पता लगाया कि एक लीटर बोतलबंद पानी में औसतन 2.40 लाख प्लास्टिक कण होते हैं।
इनमें से 90 प्रतिशत प्लास्टिक कण नैनोप्लास्टिक्स होते हैं, जबकि बाकी माइक्रोप्लास्टिक होते हैं।
माइक्रोप्लास्टिक पॉलिमर के टुकड़े होते हैं, जो 5 मिलीमीटर से लेकर 1 माइक्रोमीटर तक के हो सकते हैं।
इससे छोटे हिस्सों को नैनोप्लास्टिक कहा जाता है, जो 1 मीटर के अरबवें हिस्से के बराबर होते हैं।
नुकसान
इस तरह से शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं प्लास्टिक के कण
विशेषज्ञों का कहना है कि नैनोप्लास्टिक इतने छोटे होते हैं कि ये पाचन क्रिया या फेफड़ों के ऊतकों के जरिए खून में मिल सकते हैं, जिससे हानिकारक प्लास्टिक पूरे शरीर और कोशिकाओं में फैल सकती है।
उनका यह भी कहना है कि अगर आप जोखिम कम करना चाहते हैं तो ग्लास या स्टेनलेस स्टील के कंटेनरों में नल के पानी का सेवन करें। साथ ही प्लास्टिक में पैक अन्य चीजों से भी दूरी बनाएं।
बयान
शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए अधिक घातक हैं प्लास्टिक कण- जेन होउलिहान
ब्राइट फ्यूचर्स के अनुसंधान निदेशक जेन होउलिहान ने कहा कि अध्ययन में प्रस्तुत नई तकनीकें मानव स्वास्थ्य के संभावित खतरों को बेहतर ढंग से समझने के लिए आगे होने वाले शोध का द्वार खोलती हैं।
उन्होंने एक ईमेल में यह भी कहा, "छोटे-छोटे प्लास्टिक के कणों के कारण शिशुओं और छोटे बच्चों को सबसे अधिक जोखिम का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि उनके विकासशील मस्तिष्क और शरीर अक्सर विषाक्त पदार्थों के प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।"
पिछला अध्ययन
पिछले अध्ययन में बोतलबंद पानी में पाए गए थे 300 छोटे प्लास्टिक कण
2018 के एक अध्ययन के सह-लेखक शेरी सैम मेसन ने बताया कि उन्होंने पहली बार 9 देशों में 11 विभिन्न ब्रांडों द्वारा बेचे गए बोतलबंद पानी के 93 प्रतिशत नमूनों में 300 छोटे प्लास्टिक कण होने का पता लगाया था।
तब इसका गहन अध्ययन करने के लिए उनके पास कोई खास तकनीक नहीं थी।
हालांकि, अब हुए अध्ययन में पहले के अनुमान की तुलना में बोतलबंद पानी में 100 गुना अधिक प्लास्टिक के कण पाए गए हैं।
तकनीक
इस तरह से काम करती है नई तकनीक
अध्ययन के लिए कोलंबिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने रमन स्कैटरिंग माइक्रोस्कोपी नामक एक नई तकनीक इस्तेमाल की, जो बोतलबंद पानी में प्लास्टिक कणों की रसायनिक संरचना को देख, गिन और विश्लेषण कर सकती है।
यह एक लेजर-आधारित तकनीक है, जो रोशनी की प्रतिक्रिया में अणुओं के कंपन को मापकर कोशिकाओं की रासायनिक संरचना का विश्लेषण कर सकती है।
इसके जरिए शोधकर्ताओं ने पाया कि अमेरिका के 3 लोकप्रिय ब्रांडों की बोतलों में 1,10,000 से 3,70,000 के बीच प्लास्टिक कण हैं।
अन्य शोध
इन विषयों पर भी किया जाना है शोध
अब प्लास्टिक के कणों की पहचान करके उन्हें वर्गीकृत किया जा सकता है और वैज्ञानिक कई अन्य शोध करने की भी तैयारी में लग गए हैं।
उदाहरण के लिए, अगर बोतलबंद पानी में तैरने वाले प्लास्टिक के कण बोतल से नहीं थे तो वे कहां से आए?
कोलंबिया के शोधकर्ताओं की टीम एक परिकल्पना की जांच कर रही है कि किस तरह के प्लास्टिक कण पानी से आ सकते हैं।