सेहत के लिए बेहद लाभदायक है नाशपाती का सेवन, जानिए इसके सेवन के फायदे
जो लोग नाशपाती खाना पसंद नहीं करते हैं, उन्हें बता दें कि इसमें कई ऐसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो दूसरे फलों में मिलने थोड़े मुश्किल हैं। जी हां, नाशपाती न सिर्फ स्वादिष्ट होती है, बल्कि कई तरह के विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य गुणकारी पोषक तत्वों से भी समृद्ध होती है। आइए आज आपको नाशपाती के फायदों से परिचित कराते हैं जिन्हें जानने के बाद आप इसे अपनी डाइट में शामिल किए बिना नहीं रह पाएंगे।
हृदय के स्वास्थ्य के लिए है बेहतरीन
हृदय को स्वस्थ रखने में नाशपाती का सेवन अहम भूमिका अदा कर सकता है। एक शोध के मुताबिक, नाशपाती में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो खराब कोलेस्ट्रोल को कम करके हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, विषाक्त तत्वों और फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करके हृदय रोग के खतरे से आपको बचा सकते हैं। इसलिए रोजाना कम से कम एक नाशपाती का सेवन जरूर करें।
पाचन से जुड़ी समस्याओं को करती है दूर
शरीर की अधिकतर समस्याएं पाचन तंत्र से जुड़ी होती हैं। अगर खाने का पाचन ठीक से नहीं होता है तो पेट दर्द और कब्ज जैसी परेशानियां होने लगती हैं। पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में नाशपाती का सेवन फायदेमंद हो सकता है। एक शोध के अनुसार, नाशपाती फाइबर का अच्छा स्त्रोत होते हैं और यह पाचन से संबंधित समस्याओं को दूर करके पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है।
लिवर को सुरक्षा प्रदान करने में है सहायक
अगर आप या आपके परिवार में कोई लिवर की समस्या से परेशान है तो उसके लिए नाशपाती का सेवन करना बहुत फायदेमंद हो सकता है। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि नाशपाती में हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं जो लिवर को नुकसान पहुंचाने वाले कारकों से लिवर को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके अलावा नाशपाती फास्ट कार्बन टेट्राक्लोराइड टॉक्सिन से लिवर की रक्षा करने में भी लाभकारी हो सकती है।
कैंसर के जोखिमों को कम करने में है कारगर
कैंसर रोगियों के लिए भी नाशपाती का सेवन काफी हद तक लाभकारी सिद्ध हो सकता है। एक शोध के मुताबिक, नाशपाती में यूरोसोलिक एसिड मौजूद होता है जो मूत्राशय, फेफड़ों और भोजन नलिका के कैंसर से बचाव करने में मदद कर सकता है। हालांकि कैंसर रोगियों के लिए पहली प्राथमिकता नाशपाती की बजाय समय-समय पर कराई जाने वाली डॉक्टरी जांच और सही इलाज होना चाहिए ताकि बीमारी का कम जोखिम हो सके।