अरुणाचल प्रदेश में होने जा रहा है 'जीरो म्यूजिक फेस्टिवल', जानिए इस समारोह के बारे में
अरुणाचल प्रदेश भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित एक खूबसूरत राज्य है, जो सुरम्य पहाड़ों, झीलों और प्रसिद्ध मठों से समृद्ध है। यहां स्थित जीरो घाटी के सामने जीरो म्यूजिक फेस्टिवल नामक संगीत समारोह की मेजबानी भी होनी वाली है। यह समारोह कला, संगीत, प्रकृति, संस्कृति और समुदाय का एक समकालीन उत्सव है। इसके अलावा यह भारत के उभरते कलाकारों की प्रतिभा को भी प्रदर्शित करता है। आइये इस संगीत समारोह के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कब शुरू होगा यह समारोह?
यह संगीत समारोह 28 सितंबर को शुरू होगा और 1 अक्टूबर को खत्म हो जाएगा। जीरो म्यूजिक फेस्टिवल की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, इस समारोह में शामिल होने के लिए इसकी टिकट आपको आयोजन स्थल पर ही उपलब्ध होंगी।
समारोह में होंगे 3 खास मंच
इस समारोह में 3 मंच होंगे, जिनके नाम डैनयी, सिग्नेचर पावलो और तकवर हैं। डैनयी मंच में पंडित विश्व मोहन भट्ट (शास्त्रीय संगीत), कर्नाटिक बांसुरीवादक सिक्किल माला चंद्रसेकर, मशहूर गायक मोहित चौहान और लोकप्रिय अरुणाचली गायक चोरुन मुगली जैसे कलाकार शामिल होंगे। वहीं पावलो मंच में लोकप्रिय रैपर एमसी अल्ताफ, फरहान अख्तर का बैंड फरहान इकोज और रॉक लीजेंड ली रानाल्डो सहित कई अन्य कलाकार शामिल होंगे।
आखिरी मंच में शामिल होंगे ये खास कलाकार
इस समारोह के आखिरी मंच तकवर पर भारत के प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक कलाकार, सप्ता ऊर्फ मार्टी भरत, अनुष्का मनचंदा और कई अंतरराष्ट्रीय कलाकार शामिल होंगे। यह संगीत समारोह दुनियाभर के प्रमुख DJ और संगीत निर्माताओं की लाइनअप का भव्य स्वागत करने वाला है।
कई अन्य गतिविधियों की भी है योजना
इस 4 दिवसीय समारोह में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की 47 प्रस्तुतियां होंगी। डैनयी के लिए समय दोपहर 12:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक, पावलो के लिए शाम 5:00 बजे से रात 10:00 बजे तक और तकवर के लिए शाम 7:00 बजे से सुबह 3:00 बजे तक रहेगा। इसके अलावा आयोजकों ने इस समारोह में पारंपरिक कला और शिल्प, कार्यशालाएं, नृत्य, योग, ध्यान, पेंटिंग और बहुत सारी गतिविधियों की भी व्यवस्था की है।
पर्यावरण के अनुकूल है आयोजन की तैयारी
यह समारोह प्रकृति का संरक्षण भी कर रहा है। इसके लिए आयोजकों ने कार्यक्रमों के लिए बांस से एक ढांचे का निर्माण किया है। इसके अलावा समारोह में फ्लेक्स होर्डिंग का इस्तेमाल नहीं होगा और इसमें सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की अपील की जाएगी। इसके लिए कार्यक्रम में तामुल प्लेट और पत्तियों का इस्तेमाल किया जाएगा और पर्यावरण-अनुकूल बांस के मग में पेय दिया जाएगा। इस समारोह की अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।