डिमेंशिया के जोखिम कम कर सकती है एक्सरसाइज, अध्ययन में हुआ खुलासा
क्या है खबर?
कई अध्ययनों में एक्सरसाइज को मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बताया गया है, लेकिन इसे हमेशा कम उम्र से ही अपनी दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी जाती हैं। हालांकि, एक नए अध्ययन से यह बात सामने आई है कि एक्सरसाइज किसी भी उम्र में की जाए वो फायदे ही देती है। हालिया अध्ययन के मुताबिक, 45 या उससे अधिक उम्र होने पर रोजाना सही तरीके से एक्सरसाइज करने पर डिमेंशिया का जोखिम कम हो सकता है।
अध्ययन
एक्सरसाइज का डिमेंशिया पर पड़ने वाला प्रभाव
JAMA नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित इस नए अध्ययन में पाया गया है कि मध्य आयु के बाद भी शारीरिक गतिविधि का उच्चतम स्तर डिमेंशिया के जोखिम को कम कर सकता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में न्यूरोलॉजी की प्रशिक्षक और बोस्टन स्थित मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के ब्रेन केयर लैब्स की प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर संजुला सिंह ने कहा, "यह अध्ययन एक्सरसाइज का मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाता है।"
आंकड़े
दुनियाभर में 570 लाख लोग डिमेंशिया से है पीड़ित- डॉक्टर फिलिप
बोस्टन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर और प्रमुख अध्ययन लेखक डॉक्टर फिलिप ह्वांग ने बताया कि दुनियाभर में 570 लाख लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं और साल 2050 तक यह संख्या लगभग तीन गुनी हो सकती हैं। डॉक्टर फिलिप ने आगे कहा कि इस अधअययन का नकारात्मक पहलू यह है कि शोधकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए गए माप के कारण यह सुझाव नहीं दिया जा सकता कि कितनी देर तक एक्सरसाइज करनी चाहिए।
एक्सरसाइज
रोजाना 150 से 300 मिनट तक की जानी चाहिए एक्सरसाइज
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वयस्कों को प्रति सप्ताह कन से कम 150 से 300 मिनट की मध्यम एरोबिक्स गतिविधि या 75 से 15 मिनट तक एक्सरसाइज करनी चाहिए। डॉक्टर संजुला ने कहा कि इस तरह की कसरत रूटीन में 150 मिनट तेज चलना और सप्ताह में दो बार शक्ति प्रशिक्षण शामिल होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई एक्सरसाइज में नया है तो उसे धीमी या सरल एक्सरसाइज से शरूआत करनी चाहिए और धीरे-धीरे समय बढ़ाना चाहिए।
निष्कर्ष
एक्सरसाइज से डिमेंशिया का जोखिम हो सकता है कम- डॉक्टर फिलिप
इस अध्ययन में 24 से 44 वर्ष की आयु वाले 1,526 प्रतिभागी और 2,000 लोग मध्यम आयु वर्ग वाले शामिल थे। साथ ही इसमें 900 वृद्ध लोग भी शामिल थे। डॉक्टर फिलिप ने कहा कि शारीरिक गतिविधि मस्तिष्क की संरचना और कार्य में सुधार, सूजन को कम करने और मस्तिष्क में बीटा-एमिलॉइड प्रोटीन के निर्माण को धीमा करके डिमेंशिया के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती हैं।