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दिल्ली-NCR के 75 प्रतिशत घरों में है वायरल बीमारी का एक मामला, सर्वेक्षण में आया सामने

दिल्ली-NCR के 75 प्रतिशत घरों में है वायरल बीमारी का एक मामला, सर्वेक्षण में आया सामने

लेखन सयाली
Oct 31, 2025
05:06 pm

क्या है खबर?

भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली सालों से पहले स्थान पर है। इस शहर की हवा गंभीर रूप से प्रदूषित है, जिसमें सांस लेने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। ऊपर से सर्दियों ने इस परेशानी को और बढ़ा दिया है। एक सर्वेक्षण से सामने आया है कि दिल्ली-NCR के 75 प्रतिशत घरों में वायरल बीमारी का एक मामला जरूर है। यह सर्वेक्षण सामुदायिक मंच लोकलसर्किल्स ने किया है, जिसके बारे में हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं।

सर्वेक्षण

4 में से 3 घरों में बीमार है एक व्यक्ति

इस सर्वेक्षण में पाया गया है कि दिल्ली-NCR में 4 में से 3 घरों में कम से कम एक व्यक्ति बीमार है। इसका कारण वायु प्रदूषण के साथ-साथ सर्दियां भी है। सर्वेक्षण में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के 15,000 से ज्यादा लोगों का डाटा एकत्र किया गया था। सितंबर के अंत में 56 प्रतिशत परिवारों ने एक या एक से ज्यादा सदस्यों के बीमार होने की सूचना दी थी। अब यह आंकड़ा बढ़कर 75 प्रतिशत हो गया है।

बीमारियां

लोगों को हो रहा इन परेशानियों का अनुभव

दिल्ली-NCR के ज्यादातर हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400-500 के बीच है। PM 2.5 की सांद्रता अब 350 तक पहुंच गई है, जो निर्धारित सुरक्षित सीमा 35 से काफी ज्यादा है। वायु की पहले से खराब गुणवत्ता को दिवाली ने और बिगाड़ दिया है। सर्वेक्षण के मुताबिक, 4 में से 3 घरों के एक न एक व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ, खराश, खांसी, जुखाम, सिर दर्द, आखों में जलन और बंद नाक का अनुभव हो रहा है।

रिपोर्ट

क्या कहती है सर्वेक्षण की रिपोर्ट?

सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया, "दिल्ली के निवासियों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। मौसमी संक्रमण और खतरनाक रूप से बढ़े प्रदूषण से रिकवरी मुश्किल हो रही है और सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।" सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 17 प्रतिशत लोगों के घर में 4 से ज्यादा सदस्य बीमार हैं। वहीं, 25 प्रतिशत घरों में 2-3 और 33 प्रतिशत घरों में एक व्यक्ति बीमार है। केवल 25 प्रतिशत परिवारों के सभी सदस्य स्वस्थ हैं।

उपाय

वायु प्रदूषण के मूल कारण और उपाय

सर्वेक्षण के शोधकर्ताओं ने अधिकारियों से वायु प्रदूषण के मूल कारणों का समाधान करने का आग्रह किया है। इन कारणों में वाहनों से निकलने वाला धुआं, धूल-मिट्टी और पराली जलाना शामिल है। उन्होंने लोगों को मास्क लगाने, घर के अंदर एयर पीयूरिफायर इस्तेमाल करने और बड़े समारोहों में शामिल होने से बचने की सलाह भी दी है। रिपोर्ट में निष्कर्ष दिया गया है, "समय की मांग सिर्फ स्वच्छ हवा की नहीं है, बल्कि एक समन्वित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया की है।"