अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: सिरदर्द से राहत दिला सकते हैं ये 5 योगासन, ऐसे करें अभ्यास
क्या है खबर?
हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस दिन पर कई लोग खास कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
अगर आप भी उन्हीं में से हैं तो अपने कार्यक्रम में शामिल करने के लिए कुछ ऐसे योगासनों का चयन कर सकते हैं, जो सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं क्योंकि इस समस्या से अधिकतर लोग परेशान रहते हैं।
आइए आज हम आपको उन योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं।
#1
बालासन
सबसे पहले जमीन पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें, फिर गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं।
अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी।
कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#2
सेतु बंधासन
इसके लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल सीधे लेटकर पैरों को घुटनों से मोड़ें और दोनों हाथों को एड़ियों के करीब लाने की कोशिश करें।
अब धीरे-धीरे अपने कूल्हे और पीठ को जमीन से ऊपर उठाएं। इसके बाद कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
सेतु बंधासन से शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है, जिससे सिरदर्द में आराम मिलता है।
#3
विपरीतकरणी
विपरीतकरणी के लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। इस स्थिति में आपके दोनों तलवे एक-दूसरे के ऊपर होने चाहिए।
इसके बाद अपने दोनों हाथों को बिना मोड़े सीधे ऊपर की ओर उठाएं। इस अवस्था में आपको अपने हाथों और पैरों को कमर से ऊपर रखना है।
इस मुद्रा में 5 से 10 मिनट तक रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#4
पद्मासन
सबसे पहले जमीन पर बैठकर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और एक-एक करके उन्हें अपनी दोनों जांघों के बीच में डालें।
इसके बाद दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर ध्यान मुद्रा में बैठें। अब दोनों आंखों को बंद कर धीरे-धीरे सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को अपनाएं।
कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें और सामान्य हो जाएं।
#5
उत्तानासन
सबसे पहले जमीन पर दोनों पैरों को आपस में थोड़ा दूर-दूर फैलाकर खड़े हो जाएं। अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं।
इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें। ध्यान रहे कि इस दौरान सिर, घुटनों और छाती का सामना एक-दूसरे से हो। इसके बाद हाथों से पैरों के अंगूठों को छूने का प्रयास करें।
कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।