
बच्चों को शिष्टाचार सिखाने के लिए अपनाएं ये 5 प्रभावी तरीके
क्या है खबर?
शिष्टाचार बच्चों के विकास में अहम भूमिका निभाता है। यह न केवल उनके सामाजिक जीवन को बेहतर बनाता है, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास भी देता है। शिष्टाचार से बच्चे दूसरों के साथ अच्छे से पेश आना सीखते हैं और समाज में सकारात्मक छवि बनाते हैं। इस लेख में हम कुछ सरल और प्रभावी तरीकों पर चर्चा करेंगे, जिनसे आप अपने बच्चों को शिष्टाचार सिखा सकते हैं और उनके व्यक्तित्व को निखार सकते हैं।
#1
अभिवादन करना सिखाएं
बच्चों को सबसे पहले अभिवादन करना सिखाना चाहिए। जब भी वे किसी से मिलें तो उन्हें नमस्ते या सुप्रभात कहना चाहिए। इसके अलावा, जब कोई बड़ा व्यक्ति आए या जाए तो उन्हें उनका हाथ पकड़कर या सिर झुकाकर प्रणाम करना सिखाएं। इससे बच्चे दूसरों के प्रति सम्मान दिखाते हैं और सामाजिक संबंध मजबूत होते हैं। नियमित अभ्यास से यह आदत उनके लिए स्वाभाविक हो जाएगी और वे अपने आसपास के लोगों के साथ अच्छे से पेश आएंगे।
#2
धन्यवाद करना सिखाएं
धन्यवाद कहना बहुत जरूरी है। जब भी कोई व्यक्ति आपके लिए कुछ करे या आपको कुछ दें तो बच्चे को तुरंत धन्यवाद कहना सिखाएं। यह आदत उन्हें आभार व्यक्त करना सिखाती है और दूसरों की मदद करने की प्रेरणा देती है। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति उनके लिए खिलौना लाए या कोई मदद करे तो तुरंत धन्यवाद कहें। इससे बच्चे में सकारात्मक सोच विकसित होती है और वे दूसरों के प्रति संवेदनशील बनते हैं।
#3
माफी मांगना सीखाएं
गलती होना स्वाभाविक है, लेकिन उससे सीख लेना जरूरी है। बच्चों को गलतियों पर माफी मांगना सिखाएं। अगर वे किसी की भावना आहत करें या कोई गलती करें तो तुरंत माफी मांगें। उदाहरण के लिए, अगर वे किसी दोस्त का खिलौना तोड़ दें या गलती से किसी की चीज गिरा दें तो तुरंत उनसे माफी मांगने के लिए कहें। इससे बच्चे में जिम्मेदारी का अहसास होता है और वे अपने व्यवहार पर ध्यान देते हैं।
#4
खाने के समय का शिष्टाचार बताएं
खाने के समय का शिष्टाचार बहुत अहम होता है। बच्चों को खाने के दौरान मुंह बंद रखना, चबाते समय आवाज न करना, कांटे-चम्मच सही तरीके से पकड़ना आदि सिखाएं। इसके अलावा खाने से पहले हाथ धोना, खाने के बाद प्लेट साफ रखना भी जरूरी है। उदाहरण के लिए, जब बच्चे खाना खा रहे हों तो उन्हें याद दिलाएं कि मुंह बंद रखें और धीरे-धीरे खाएं ताकि उनका पाचन सही रहे और वे दूसरों के लिए उदाहरण बन सकें।
#5
दूसरों की बात सुनना सिखाएं
दूसरों की बात सुनना भी एक महत्वपूर्ण शिष्टाचार है। बच्चों को सिखाएं कि जब कोई व्यक्ति बात कर रहा हो तो बीच में न बोलें बल्कि उसकी बात ध्यानपूर्वक सुनें। इससे वे दूसरों की भावनाओं को समझ पाते हैं और अच्छे रिश्ते बनाते हैं। इसके अलावा जब वे किसी से बात करें तो उनकी आंखों में देखते हुए बात करें ताकि सामने वाला महसूस करे कि उनकी बात सुनी जा रही है।