
भारतीय संस्कृति में शामिल हैं ये 5 तरह की चूड़ियां, जानिए इनके बारे में
क्या है खबर?
चूड़ियां भारतीय महिलाओं के लिए एक जरूरी गहना हैं। ये न केवल सुंदरता बढ़ाती हैं, बल्कि पारंपरिक परिधानों का हिस्सा भी होती हैं। भारत के अलग-अलग राज्यों में कई तरह की चूड़ियां बनाई जाती हैं, जो वहां की संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती हैं। इन चूड़ियों में लकड़ी की चूड़ियां, हाथी दांत की चूड़ियां, कांच की चूड़ियां और अन्य कई प्रकार शामिल हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
#1
शाखा और पोला की चूड़ियां (पश्चिम बंगाल)
पश्चिम बंगाल की शाखा और पोला की चूड़ियां बहुत ही प्रसिद्ध हैं। ये चूड़ियां लाल और सफेद रंग की होती हैं, जिन्हें बांग्ला संस्कृति में बहुत अहमियत दी जाती है। शादी के समय दुल्हन को ये चूड़ियां पहनाई जाती हैं। शाखा और पोला की चूड़ियां एक-दूसरे के साथ पहनकर बहुत सुंदर दिखती हैं और इनका पहनना शुभ माना जाता है। इन चूड़ियों का डिजाइन और रंग विवाह की खुशी और समृद्धि का प्रतीक होते हैं।
#2
कडग की चूड़ियां (कर्नाटक)
कडग कर्नाटक की एक खास प्रकार की चूड़ियां होती हैं, जो लकड़ी से बनाई जाती हैं। इन चूड़ियों पर सुंदर नक्काशी की जाती है, जिससे इनकी खूबसूरती और बढ़ जाती है। कडग की चूड़ियां पारंपरिक कर्नाटकी परिधानों के साथ बहुत अच्छी लगती हैं और इन्हें पहनने से एक शाही अंदाज मिलता है। इन चूड़ियों का उपयोग न केवल सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि इनका धार्मिक महत्व भी होता है।
#3
हाथी दांत की चूड़ियां (गुजरात)
गुजरात की हाथी दांत की चूड़ियां बहुत ही अनोखी होती हैं, जिन्हें हाथ से बनाया जाता है। यह चूड़ियां सफेद रंग की होती हैं और इन पर सुनहरे धागों या पत्थरों से सजावट की जाती है। हाथी दांत की चूड़ियां पारंपरिक गुजराती परिधानों के साथ बहुत अच्छी लगती हैं और इन्हें पहनने से एक शाही अंदाज मिलता है। इन चूड़ियों का उपयोग न केवल सुंदरता बढ़ाता है बल्कि इनका धार्मिक महत्व भी होता है।
#4
हरे रंग की कांच की चूड़ियां (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र की हरे रंग की कांच की चूड़ियां बहुत ही सुंदर होती हैं, जिन्हें खासतौर पर त्योहारों और शुभ अवसरों पर पहना जाता है। ये चूड़ियां हरे रंग की होती हैं, जो शुभता का प्रतीक मानी जाती हैं। हरे रंग की कांच की चूड़ियां महाराष्ट्र की पारंपरिक परिधानों के साथ बहुत अच्छी लगती हैं और इन्हें पहनने से एक शाही अंदाज मिलता है। इन चूड़ियों का उपयोग न केवल सुंदरता बढ़ाता है बल्कि इनका धार्मिक महत्व भी होता है।
#5
ओट्टावला की चूड़ियां (केरल)
केरल की ओट्टावला चूड़ियां बहुत ही खास होती हैं, जिन्हें शादी के समय दुल्हन को पहनाया जाता है। ये चूड़ियां सुनहरे रंग की होती हैं और इन पर सुंदर नक्काशी की जाती है, जिससे इनकी खूबसूरती और बढ़ जाती है। ओट्टावला चूड़ियां केरल की पारंपरिक परिधानों के साथ बहुत अच्छी लगती हैं और इन्हें पहनने से एक शाही अंदाज मिलता है। इन चूड़ियों का उपयोग न केवल सुंदरता बढ़ाता है बल्कि इनका धार्मिक महत्व भी होता है।