सांसों की समस्याओं के जोखिम कम करने में सहायक हो सकते हैं ये 5 प्राणायाम
क्या है खबर?
प्राणायाम योग का एक अहम हिस्सा है, जो सांस लेने की प्रक्रिया को सुधारने में मदद करता है। यह न केवल शरीर बल्कि मन के लिए भी फायदेमंद है। प्राणायाम के कई प्रकार होते हैं, जो अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं। इस लेख में हम कुछ प्रमुख प्राणायाम के बारे में जानेंगे, जो आपकी सांस लेने की क्षमता को बढ़ाने और सेहत को सुधारने में मदद कर सकते हैं। साथ ही जानेंगे कि इनका अभ्यास कैसे करना चाहिए।
#1
उज्जायी प्राणायाम
उज्जायी प्राणायाम को 'विकास प्राणायाम' भी कहा जाता है। इसमें गले की आवाज़ निकालते हुए सांस ली जाती है और छोड़ी जाती है। यह प्राणायाम शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है। इसे करने के लिए सबसे पहले आरामदायक स्थिति में बैठें, फिर गले से आवाज निकालते हुए धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराएं। यह प्राणायाम ध्यान केंद्रित करने में भी सहायक है।
#2
नाड़ी शोधन प्राणायाम
नाड़ी शोधन प्राणायाम को 'अनुलोम-विलोम' भी कहा जाता है। इसमें एक नाक से सांस लेते हुए दूसरे नाक से छोड़ी जाती है। यह प्राणायाम शरीर की ऊर्जा धाराओं को संतुलित करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। इसे करने के लिए पहले आरामदायक स्थिति में बैठें, फिर दाहिने हाथ की उंगली से नाक के दाहिने हिस्से को बंद करें और बाएं हिस्से से सांस लें। अब बाएं हाथ की उंगली से नाक के बाएं हिस्से को बंद करें।
#3
भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम में गहरी सांस लेकर गुनगुनाते हुए छोड़ी जाती है। यह प्राणायाम तनाव को कम करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। इसे करने के लिए सबसे पहले आरामदायक स्थिति में बैठें, फिर गहरी सांस लें और मुंह बंद करके गुनगुनाते हुए सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराएं। यह प्राणायाम ध्यान केंद्रित करने में भी सहायक है।
#4
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम को 'तेज सांस का अभ्यास' भी कहा जाता है। इसमें पेट की मांसपेशियों को संकुचित करते हुए तेज सांस ली जाती है और छोड़ी जाती है। यह प्राणायाम शरीर के अंदरूनी अंगों को मजबूत करता है और ऊर्जा को बढ़ाता है। इसे करने के लिए सबसे पहले आरामदायक स्थिति में बैठें, फिर गहरी सांस लें और पेट की मांसपेशियों को संकुचित करते हुए सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराएं।
#5
भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम को 'तेज सांस का अभ्यास' भी कहा जाता है। इसमें तेजी से सांस ली जाती है और छोड़ी जाती है। यह प्राणायाम ऊर्जा को बढ़ाता है और थकान को दूर करता है। इसे करने के लिए सबसे पहले आरामदायक स्थिति में बैठें, फिर गहरी सांस लें और तेजी से छोड़ें। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराएं। यह प्राणायाम ध्यान केंद्रित करने में भी सहायक है।