
ग्लूकोमा से जुड़े हैं ये शारीरिक संकेत, भूल से भी न करें नजरअंदाज
क्या है खबर?
ग्लूकोमा एक आंखों की बीमारी है, जो धीरे-धीरे दृष्टि को प्रभावित कर सकती है।
यह समस्या अक्सर बिना किसी शुरुआती लक्षण के आती है, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है।
अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह स्थायी दृष्टिहीनता का कारण बन सकता है।
इसलिए इस लेख में हम आपको ग्लूकोमा के कुछ प्रमुख संकेतों के बारे में बताएंगे, जिन पर ध्यान देना जरूरी है।
#1
आंखों में दर्द और दबाव महसूस होना
अगर आपकी आंखों में लगातार दर्द या दबाव महसूस होता है तो यह ग्लूकोमा का संकेत हो सकता है।
कई बार लोग इसे सामान्य थकान समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।
आंखों में दर्द और दबाव बढ़ने से दृष्टि पर असर पड़ सकता है और समय रहते इलाज न होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।
#2
धुंधला दिखना या देखने में कठिनाई होना
धुंधला दिखना या देखने में कठिनाई होना भी ग्लूकोमा का एक आम लक्षण हो सकता है।
अगर आपको अचानक से चीजें धुंधली दिखाई देने लगें या पढ़ने-लिखने में परेशानी होने लगे तो इसे हल्के में न लें।
यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ सकती है और आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें।
#3
रात को देखने में परेशानी होना
रात को देखने में परेशानी होना ग्लूकोमा का अहम संकेत हो सकता है।
अगर रात के समय गाड़ी चलाने या कम रोशनी वाले स्थानों पर जाने में दिक्कत होती है तो इसे नजरअंदाज न करें।
यह समस्या दृष्टि तंत्रिका को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे आंखों की सेहत पर असर पड़ सकता है।
समय रहते इसका इलाज करना जरूरी होता है ताकि आगे चलकर दृष्टिहीनता जैसी स्थिति से बचा जा सके।
#4
रंग पहचानने की क्षमता कम होना
अगर आप रंग पहचानने की क्षमता खो रहे हैं या रंग फीके दिखाई दे रहे हैं तो यह भी ग्लूकोमा का संकेत हो सकता है।
कई बार लोग इसे उम्र बढ़ने का सामान्य हिस्सा मान लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता है।
रंग पहचानने की क्षमता कम होने से आपकी जीवनशैली प्रभावित होती हैं इसलिए इस पर ध्यान देना आवश्यक होता है।
#5
सिरदर्द और मतली महसूस करना
सिरदर्द और मतली महसूस करना भी ग्लूकोमा के लक्षण होते सकते हैं, खासकर जब ये समस्याएं अचानक शुरू हों और लंबे समय तक बनी रहें।
सिरदर्द अक्सर आंखों के आसपास केंद्रित रहता हैं, जिससे व्यक्ति असहज महसूस कर सकता है। ऐसे लक्षण दिखते ही नेत्र विशेषज्ञ से जांच करवाना चाहिए ताकि सही निदान किया जा सके।