
पूर्वी भारत में घूमने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 जगहें, जून में जरूर करें यात्रा
क्या है खबर?
पूर्वी भारत की यात्रा के लिए जून का महीना बहुत अच्छा है। इस दौरान यहां का मौसम सुहावना रहता है और बारिश भी कम होती है।
यहां की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
अगर आप छुट्टियों में कहीं घूमने की योजना बना रहे हैं तो पूर्वी भारत के इन पांच पर्यटन स्थलों की यात्रा आपके लिए आरामदायक और आनंददायक हो सकती है।
आइए इन जगहों के बारे में जानते हैं।
#1
दार्जिलिंग
पश्चिम बंगाल में स्थित दार्जिलिंग अपनी चाय बागानों और हिमालय की चोटियों के दृश्य के लिए जाना जाता है।
यहां से कंचनजंगा पर्वत श्रृंखला देख सकते हैं। दार्जिलिंग में खिलौना ट्रेन की सवारी करना एक अनोखा अनुभव है।
इसके अलावा यहां के चाय बागान, बटासिया लूप और हिमालयन रेलवे संग्रहालय भी देखने लायक हैं। यहां की ठंडी हवा और हरे-भरे पहाड़ पर्यटकों को बहुत आकर्षित करते हैं।
#2
पुरी
ओड़िशा में स्थित पुरी एक प्रसिद्ध समुद्र तट स्थल है। यह जगन्नाथ मंदिर के लिए मशहूर है, जहां हर साल रथ यात्रा होती है।
पुरी का समुद्र तट पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां आप तट पर चलने, सूर्यास्त देखने और स्थानीय व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं।
इसके अलावा पुरी में कई अन्य धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों का भी अनुभव किया जा सकता है। यहां की शांत वातावरण और समुद्र तट की सुंदरता मनमोहक है।
#3
कोलकाता
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता अपने ऐतिहासिक स्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जाना जाता है।
यहां विक्टोरिया मेमोरियल, हावड़ा ब्रिज, दक्शिणेश्वर काली मंदिर जैसे कई आकर्षण स्थल हैं।
इसके अलावा कोलकाता का खाना बहुत स्वादिष्ट है, खासकर मिठाइयां जैसे रसगुल्ला और संधेश।
यहां की कला और साहित्य की दुनिया भी बहुत समृद्ध है, जिससे यह जगह साहित्य प्रेमियों के लिए आदर्श स्थान बन जाती है।
#4
रांची
झारखंड की राजधानी रांची अपनी जलप्रपातों और झीलों के लिए मशहूर है। यहां हरमू नदी पर स्थित हरमू झील बहुत लोकप्रिय है।
इसके अलावा रांची से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित धुर्वा हिल्स भी देखने लायक है। यहां के जूडी जलप्रपात और हटिया बाजार भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
रांची का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य मन को बहुत भाता है, जिससे यह जगह पर्यटकों के लिए आदर्श स्थान बन जाती है।
#5
सप्तपर्णी गुफाएं
जब आप बिहार के राजगीर जाएं तो आपको सप्तपर्णी गुफाओं की यात्रा अवश्य करनी चाहिए, जो सात पत्तियों वाली गुफा को संदर्भित करती हैं।
किंवदंतियों के अनुसार, भगवान बुद्ध ने अपने अंतिम दिन इसी गुफा में बिताए थे। उन्होंने यहां ध्यान का अभ्यास भी किया।
बुद्ध की मृत्यु के बाद प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन भी यहीं किया गया था, वहीं यहां के परिषद का नेतृत्व महा कश्यप ने किया था और 500 से अधिक भिक्षु वहां मौजूद थे।