प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर देवी प्रसाद शेट्टी से सीखने को मिल सकते हैं ये सबक
प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ और नारायण हेल्थ के संस्थापक डॉक्टर देवी प्रसाद शेट्टी ने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया और उन्हें पार करते हुए सफलता प्राप्त की। उनके जीवन से हमें कई अहम सबक मिलते हैं, जो हमारे जीवन को सही दिशा में ले जा सकते हैं। शेट्टी के जीवन सिद्धांत हमें प्रेरित करते हैं और हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। आइए उनके कुछ प्रमुख जीवन सिद्धांत जानते हैं।
अपने उद्देश्य को पहचानें
डॉ. शेट्टी का मानना है कि हर व्यक्ति का एक खास उद्देश्य होता है, जिसे पहचानना बहुत जरूरी है। उन्होंने खुद अपने बचपन में ही डॉक्टर बनने का सपना देखा था और उसी दिशा में मेहनत की। जब आप अपने उद्देश्य को पहचान लेते हैं तो आपके पास एक स्पष्ट मार्गदर्शन होता है, जिससे आप अपनी ऊर्जा और समय को सही दिशा में लगा सकते हैं।
सेवा भाव रखें
डॉ. शेट्टी ने हमेशा सेवा भाव को अहमियत दी है। उनका मानना है कि सच्ची खुशी दूसरों की मदद करने में मिलती है। उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों के लिए सस्ती चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई हैं, जिससे वे लोग भी बेहतर इलाज पा सकें। सेवा भाव रखने से न केवल समाज का भला होता है बल्कि आपकी आत्मा भी संतुष्ट होती है। यह भावना आपके जीवन को एक नई दिशा देती है और आपको मानसिक शांति भी प्रदान करती है।
निरंतर सीखते रहें
डॉ. शेट्टी ने कभी भी सीखने की प्रक्रिया को नहीं रोका। वे हमेशा नई तकनीकों और ज्ञान को अपनाने के लिए तत्पर रहते थे। उनका कहना है कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती इसलिए हमें हमेशा सीखते रहना चाहिए ताकि हम समय के साथ खुद को बेहतर बना सकें। उन्होंने अपने जीवन में कई नई तकनीकों को अपनाया और उन्हें सफलतापूर्वक लागू किया। यह नजरिया हमें सिखाता है कि निरंतर सीखना कितना जरूरी है।
धैर्य रखें
जीवन में धैर्य रखना बहुत जरूरी होता है, यह बात डॉ. शेट्टी ने बखूबी समझाई है। उन्होंने बताया कि सफलता रातों-रात नहीं मिलती, इसके लिए समय लगता है और धैर्य रखना पड़ता है। जब आप किसी बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ रहे होते हैं तो रास्ते में कई मुश्किलें आती हैं। धैर्य रखने से ही आप उन मुश्किलों का सामना कर पाते हैं और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
टीम वर्क पर विश्वास करें
डॉ. शेट्टी ने हमेशा टीम वर्क पर जोर दिया है। उनका मानना था कि अकेले काम करने से बेहतर परिणाम तब आते हैं जब हम टीम के साथ काम करते हैं। उनकी अस्पताल प्रणाली इसी सिद्धांत पर आधारित थी, जहां हर सदस्य अपनी भूमिका निभाता था जिससे मरीजों को बेहतरीन सेवाएं मिलती थीं। इन सिद्धांतों पर चलकर हम भी अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते हैं।