
अफ्रीकी घास के मैदानों का निवासी है जेबरा, जानिए इससे जुड़े 5 रोचक तथ्य
क्या है खबर?
जेबरा एक घोड़े के समान दिखने वाला जानवर है, जो अफ्रीका के घास के मैदानों में पाया जाता है।
यह अपने अनोखे काले और सफेद धारियों के लिए जाना जाता है। इन धारियों का उद्देश्य छुपने से लेकर सामाजिक संकेत देने तक कई चीजों तक फैला हुआ है।
इस लेख में हम आपको जेबरा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताएंगे, जो शायद आप नहीं जानते होंगे।
आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
#1
जेबरा का रंग काला होता है या सफेद?
जेबरा के बारे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसका रंग काला या सफेद होता है?
वैज्ञानिकों का मानना है कि जेबरा का असली रंग काला होता है और उस पर सफेद धारियां होती हैं। ये धारियां जेबरा की त्वचा पर मौजूद बालों की संरचना के कारण होती हैं।
जब सूरज की किरणें इन धारियों पर पड़ती हैं तो ये अलग-अलग रंग की तरह दिखती हैं। इसलिए जेबरा का असली रंग काला ही माना जाता है।
#2
जेबरा का स्वभाव होता है अच्छा
जेबरा बहुत मिलजुल कर रहने वाले जानवर होते हैं और इन्हें समूह में रहना पसंद है।
इनके समूह में लगभग 20 से 30 जेबरा होते हैं, लेकिन कभी-कभी ये संख्या 100 से भी ज्यादा हो सकती है।
जेबरा अपने समूह के सदस्यों के साथ बहुत नजदीकी संबंध रखते हैं और एक-दूसरे की सुरक्षा करते हैं।
अगर किसी जेबरा को खतरा महसूस होता है तो बाकि जेबरा तुरंत उसकी मदद के लिए दौड़ पड़ते हैं।
#3
जेबरा के बच्चे कैसे होते हैं?
जेबरा के बच्चों का जन्म लगभग 12 महीने बाद होता है। जन्म लेते ही जेबरा का बच्चा खड़ा हो जाता है और थोड़ी देर बाद दौड़ने लगता है ताकि वह शिकारी जानवरों से सुरक्षित रह सके।
नवजात जेबरा का रंग गहरा होता है, जो धीरे-धीरे हल्का होता जाता है।
इसके अलावा नवजात जेबरा की गंध उनके माता-पिता द्वारा पहचानी जाती है, जिससे वे उन्हें आसानी से ढूंढ पाते हैं।
#4
जेबरा की आवाज और बातचीत करने का तरीका
जेबरा की आवाज बहुत खास होती है, जो अलग-अलग प्रकार की होती हैं जैसे हिनहिनाना, गुरगुराना आदि। ये आवाजें जेबरा के बीच संवाद का माध्यम होती हैं।
जब भी कोई खतरा होता है तो जेबरा तेज आवाज करके अपने साथियों को सचेत करते हैं ताकि वे सावधान हो सकें।
इसके अलावा जेबरा अपनी पूंछ से भी संकेत देते हैं, जिससे वे एक-दूसरे को संदेश पहुंचाते रहते हैं।
#5
अफ्रीका के अलावा कहीं नहीं मिलते जेबरा
जेबरा केवल अफ्रीका महाद्वीप पर पाए जाते हैं और इनका प्राकृतिक निवास स्थान घास के मैदान और खुले जंगल होते हैं।
हालांकि, अब इंसानों द्वारा इनके रहने की जगह को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जिससे इनके संरक्षण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
इस प्रकार जेबरा न केवल अपने अनोखे रंग रूप बल्कि अपनी सामाजिकता के लिए जाने जाते हैं। इनकी अनोखी विशेषताएं इन्हें अन्य जानवरों से अलग बनाती हैं।