अब्दुल सत्तार इदी ने दिया मानवता को बढ़ावा, उनसे सीखें ये 5 सबक
दिवंगत अब्दुल सत्तार इदी का नाम सुनते ही सेवा की भावना जाग उठती है। पाकिस्तान के इस महान समाजसेवी ने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों की मदद में लगा दी। उन्होंने गरीबों, बीमारों और बेसहारा लोगों की सहायता की। उनकी कहानियों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। आइए आज हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातें और उनसे मिलने वाली जीवन की अहम सबक बताते हैं, जो हमें प्रेरित कर सकते हैं।
दूसरों की मदद करना सबसे बड़ा धर्म
इदी का मानना था कि दूसरों की मदद करना सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने अपने जीवन में कभी भी किसी जरूरतमंद को खाली हाथ नहीं लौटाया। चाहे वह गरीब हो, बीमार हो या बेसहारा, उन्होंने हर किसी की मदद करने का प्रयास किया। इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमें भी अपने आसपास के लोगों की मदद करनी चाहिए और उनकी समस्याओं को समझकर उनका समाधान निकालना चाहिए।
बिना भेदभाव के सेवा करें
इदी ने कभी भी जाति, धर्म या रंग-रूप के आधार पर भेदभाव नहीं किया। उनके लिए हर इंसान एक समान था और सभी को समान रूप से सेवा प्रदान करना उनका उद्देश्य था। उन्होंने हमेशा सभी की मदद की, चाहे वे किसी भी जाति या धर्म का हों। यह हमें सिखाता है कि हमें भी बिना किसी भेदभाव के सभी लोगों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए और उनकी सहायता करनी चाहिए।
खुद पर विश्वास रखें
इदी ने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका आत्मविश्वास हमेशा ऊंचा रहा और इसी आत्मविश्वास ने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की। इससे हम यह सीख सकते हैं कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, हमें खुद पर विश्वास रखना चाहिए और अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करते रहना चाहिए। कठिनाइयों का सामना करते हुए भी हमें धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखना जरूरी है।
छोटी-छोटी चीजों से शुरू करें
इदी ने अपनी सेवाएं छोटे स्तर पर शुरू की थीं। धीरे-धीरे उनका काम बढ़ता गया और आज उनकी संस्था दुनिया भर में जानी जाती है। उन्होंने एक छोटे से क्लिनिक से शुरुआत की और अपनी मेहनत और समर्पण से उसे एक विशाल सेवा संगठन में बदल दिया। इससे हम यह सीख सकते हैं कि बड़े काम करने के लिए छोटी-छोटी चीजों से शुरुआत करनी होती है और समय के साथ मेहनत करके उसे बड़ा बनाया जा सकता है।
विनम्रता बनाए रखें
इदी हमेशा विनम्र रहे, चाहे वे कितनी ही बड़ी सफलता क्यों न हासिल कर लें। उन्होंने कभी घमंड नहीं किया और हमेशा जमीन से जुड़े रहे। यह हमें सिखाता है कि सफलता मिलने पर भी विनम्र बने रहना जरूरी होता है ताकि हम सही मायनों में महान बन सकें। इन सबक़ों को अपनाकर हम भी इदी जैसे महान व्यक्तित्व बन सकते हैं, जो समाज में सकारात्मक बदलाव ला सके।