कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है खिरनी फल, डाइट में जरूर करें शामिल
क्या है खबर?
खिरनी बहुत ही पौष्टिक, स्वादिष्ट और मीठा फल है। आयुर्वेद में खिरनी को 'राज फल' यानी राजाओं का फल भी कहा जाता है।
इसे खाने से हमारे शरीर को कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे मिलते हैं और यह शरीर को ठंडा रखता है, इसलिए गर्मी के मौसम में इसका सेवन ज्यादा होता है।
इसमें प्रोटीन, फैट, विटामिन, खनिज, कार्बोहाइड्रेट और प्लांट एस्टर जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
आइए खिरनी से मिलने वाले पांच बेहतरीन फायदों के बारे में जानते हैं।
#1
त्वचा के संक्रमण को ठीक करने में है सहायक
खिरनी में बड़ी मात्रा में ट्राइटरपेनॉइड प्लांट केमिकल्स मौजूद होते हैं, जो त्वचा के संक्रमण के इलाज में बहुत काम आते हैं।
इस फल के पेस्ट को सीधे त्वचा पर लगाने से दाग, धब्बे और खुजली जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। इसके इस्तेमाल से चेहरे पर ठंडक बनी रहती है और त्वचा नरम, कोमल और चमकदार दिखती है।
इसके अलावा खिरनी में शक्तिशाली रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं।
#2
इम्युनिटी बढ़ाने में है मददगार
विटामिन सी से भरपूर खिरनी के सेवन से इम्युनिटी अच्छी होती है। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण शरीर से हानिकारक मुक्त कणों को बाहर निकालने में मदद करते हैं और आपकी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाते हैं।
इस फल के रोगाणुरोधी गुण शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से बचाते हैं जो कई हानिकारक बीमारियों के लिए जिम्मेदार होते हैं।
इसके अलावा यह खांसी, जुकाम, नजला, सांस की परेशानी और बुखार आदि से लड़ने में भी मदद करता है।
#3
फेफड़ों के लिए भी है फायदेमंद
खिरनी फल में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के कई अंगों के लिए फायदेमंद होते हैं।
इसके सेवन से आप बहुत सी बीमारियों से बचे रहते हैं। यह फल किडनी, फेफड़ों और हृदय के लिए फायदेमंद माना जाता है।
इसके सेवन से शरीर में जमा गंदगी (टॉक्सिन्स) को बाहर निकालने और रक्तशोधन (खून साफ करने) में भी सहायता मिलती है।
#4
सूजे हुए मसूड़ों को करता है दुरुस्त
खिरनी में बड़ी मात्रा में एनाल्जेसिक होता है, जिसमें एंटीसेप्टिक, दर्द निवारक और रोगाणुरोधी गुण मौजूद होते हैं।
खिरनी के फल और इसके पौधे का तना सूजन वाले मसूड़ों और दांत के दर्द को ठीक करते हैं। कैविटी, टार्टर, प्लाक, पीले दांत और सूजन जैसी कई समस्याओं के इलाज के लिए भी आप इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
इन्हें आप सीधे दर्द वाली जगह पर भी लगा सकते हैं।
#5
पेट के अल्सर को रोकने में भी है कारगर
पेट की परत में दर्दनाक घाव को हम पेट का अल्सर कहते हैं। इससे गंभीर और जानलेवा स्थिति भी पैदा हो सकती है।
खिरनी में मौजूद टैनिन और सैपोनिन जैसे मूल्यवान यौगिक ऐसे ही गैस्ट्रोइंटोस्टाइनल विकारों के इलाज में मदद करते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर करते हैं।
पेट को आराम देने और गैस की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आप सुबह या शाम के नाश्ते में खिरनी के फल का सेवन कर सकते हैं।