भारत के शास्त्रीय नृत्य के बारे में जानना चाहते हैं? ये किताबें करेंगी आपकी मदद
भारतीय शास्त्रीय नाच-गाना एक समृद्ध और खास कला है, जिसका इतिहास और अहमियत समझने के लिए कई बेहतरीन किताबें उपलब्ध हैं। यहां 5 ऐसी हिंदी किताबों के बारे में बताया गया है, जो भारतीय शास्त्रीय नाच-गाना के अलग-अलग पहलुओं को गहराई से समझने में मदद करती हैं। ये किताबें न केवल ऐतिहासिक नजरिया प्रदान करती हैं, बल्कि समकालीन दृश्य को भी समझने में सहायता करती हैं। इनसे पाठक नाच-गाना की तकनीकी बारीकियों और सांस्कृतिक अहमियत को भी जान सकेंगे।
भारतीय शास्त्रीय नृत्य: पुनर्जागरण और उसके बाद
लीला वेंकटरमन द्वारा लिखी यह किताब भारतीय आजादी के बाद से भारतीय शास्त्रीय नाच-गाने की यात्रा को दर्शाती है। यह किताब भारत के आठ प्रमुख शास्त्रीय नाच-गाने के रूपों जैसे भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी, कथकली, मणिपुरी, मोहिनियाट्टम, ओडिसी और सत्त्रिया आदि के बारे में विस्तार से बताती है। यह किताब न केवल ऐतिहासिक नजरिया देती है, बल्कि समकालीन दृश्य को भी समझने में मदद करती है। इसमें प्रायोजन, शिक्षक-शिष्य संबंध और समकालीन शास्त्रीय नाच-गाने पर भी चर्चा की गई है।
नाट्यशास्त्र
भरत मुनि द्वारा रचित 'नाट्यशास्त्र' भारतीय शास्त्रीय नाच-गाना का एक अहम ग्रंथ है। यह किताब लगभग 6000 श्लोकों में विभाजित 36 अध्यायों में डांस, अभिनय, संगीत और ड्रामा के सिद्धांतों को विस्तार से बताती है। 'नाट्यशास्त्र' में रास, भाव, अभिनय मुद्राओं और डांस की मूल बातों का वर्णन किया गया है। यह किताब डांस के तकनीकी पहलुओं को समझने में मदद करती है। साथ ही इसके पीछे आध्यामिक और सांस्कृतिक अहमियत को भी उजागर करती है।
भारतीय नृत्य की कहानी
यह किताब भारतीय डांस के इतिहास, विकास और अलग-अलग रूपों को एक साथ जोड़ती है। इसमें भरतनाट्यम से लेकर कथकली और ओडिसी से लेकर सत्त्रिया तक सभी प्रमुख क्लासिकल डांस फॉर्म्स का विस्तृत विवरण दिया गया है। यह किताब पारंपरिक और समकालीन दोनों पहलुओं को समझने में मदद करती है। डांस प्रेमियों के लिए यह एक उपयोगी संसाधन साबित होती है, जो नाच-गाने की गहराई में जाने का अवसर देती है।
कथक: एक परंपरा
कथक भारत के अहम क्लासिकल डांस फॉर्म्स में से एक है। इस किताब में इसकी विस्तारित जानकारी दी गई है। इसमें कथक का इतिहास, इसके तकनीकी पहलू और इसके प्रमुख प्रतिपादकों के बारे में बताया गया है। कथक की जटिल तालबद्धता और अभिव्यक्तिक तत्वों को इस किताब में गहराई से समझाया गया है। यह किताब कथक प्रेमियों के लिए एक अहम संसाधन साबित होती है, जो इस डांस फॉर्म की बारीकियों को जानने का मौका देती है।
मोहिनियाट्टम: लास्या की कला
मोहिनियाट्टम केरल का सुंदर डांस फॉर्म है, जिसका नाम भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार से लिया गया है। इस किताब में मोहिनियाट्टम का इतिहास, इसके तकनीकी पहलू और इसके प्रमुख प्रतिपादकों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें नरम स्त्रीगतियों को विशेष रूप से समझाया गया है। यह किताब मोहिनियाट्टम के अलग-अलग मुद्राओं, भावों और इसकी सांस्कृतिक अहमियत को भी उजागर करती है, जिससे पाठक इस डांस फॉर्म की गहराई को समझ सकते हैं।