
महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र में मौजूद हैं ये खूबसूरत और ऐतिहासिक किले, एक बार जरूर जाएं
क्या है खबर?
महाराष्ट्र का तटीय क्षेत्र अपने खूबसूरत समुद्र तटों और ऐतिहासिक किलों के लिए जाना जाता है। ये किले न केवल इतिहास की कहानियां सुनाते हैं, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत नजारा भी पेश करते हैं। यहां के किले अपनी अनोखी बनावट और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इन किलों की यात्रा करके आप इतिहास को करीब से महसूस कर सकते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।
#1
सिंधुदुर्ग किला
सिंधुदुर्ग किला महाराष्ट्र के मालवण में स्थित है और यह अरब सागर के बीचोबीच बना हुआ है। इस किले का निर्माण छत्रपति शिवाजी महाराज ने साल 1664 में करवाया था। यह किला अपनी मजबूत दीवारों और विशाल प्रवेश द्वार के लिए प्रसिद्ध है। यहां पहुंचने के लिए नाव से यात्रा करनी पड़ती है, जो अपने आप में एक रोमांचक अनुभव होता है। इस किले से सूर्यास्त का दृश्य बेहद मनमोहक होता है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।
#2
मुरुड-जंजीरा
मुरुड-जंजीरा रायगढ़ जिले में स्थित एक अनोखा समुद्री दुर्ग है, जिसे कभी कोई जीत नहीं पाया है। यह अरब सागर में एक छोटे से द्वीप पर स्थित है और इसकी दीवारें इतनी ऊंची हैं कि इसे पार करना लगभग असंभव था। इस दुर्ग तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है और यहां की वास्तुकला देखने लायक होती है। मुरुड-जंजीरा की खासियत इसकी अपराजेयता और अद्वितीय निर्माण शैली में छिपी हुई है।
#3
विजयदुर्ग
विजयदुर्ग सिंधुदुर्ग जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है, जिसे शिवाजी महाराज ने अपनी रणनीतिक योजनाओं का हिस्सा बनाया था। यह तीन तरफ से पानी से घिरा हुआ होने के कारण सुरक्षा दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण था। विजयदुर्ग को 'पूर्वी गिब्राल्टर' भी कहा जाता था क्योंकि इसे जीतना बेहद कठिन माना जाता था। यहां आकर आप इतिहास को करीब से महसूस कर सकते हैं।
#4
कुलाबा किला
कुलाबा किला अलिबाग शहर के पास स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जहां लोग अक्सर पिकनिक मनाने आते हैं। यह किला समुद्र किनारे पर बना हुआ होने की वजह से ज्वार-भाटा आने पर पानी से घिर जाता है, जिससे इसका दृश्य अत्यंत सुंदर हो जाता है। कुलाबा फोर्ट तक पैदल या घोड़ागाड़ी द्वारा पहुंचा जा सकता है जब ज्वार कम होता हो।
#5
सुवर्णदुर्ग
सुवर्णदुर्ग रत्नागिरी जिले में स्थित एक खूबसूरत तटीय दुर्ग है, जिसे 'गोल्डन फोर्ट' भी कहा जाता था क्योंकि इसके आसपास सुनहरी रेत फैली हुई थी। इस दुर्ग को मराठाओं ने पुर्तगालियों और अंग्रेजों से बचाने हेतु बनाया था ताकि वे पश्चिमी तट पर अपना प्रभुत्व कायम रख सकें। सुवर्णदुर्ग तक नाव द्वारा पहुंचना संभव होता हैं और यहां आकर आप इतिहास समेत प्रकृति दोनों का आनंद ले सकते हैं।