पतझड़ के दौरान अपनी चाय को इस तरह बनाएं और स्वादिष्ट, हल्की ठंड में आएगी पसंद
क्या है खबर?
चाहे सर्दी हो या गर्मी, चाय हर मौसम में अच्छी लगती है। इस पेय को भारत के लोग रोजाना पीते हैं, क्योंकि हमारे लिए यह किसी भावना जैसी है। हालांकि, केवल चाय पत्ती, चीनी और दूध से बनी चाय सुकून नहीं देती। ऐसे में जब हल्की-हल्की ठंड पड़ने लगती है तो इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें इलायची आदि डाली जाती हैं। आप पतझड़ के दौरान चाय को जायकेदार बनाने के लिए उसमें ये खाद्य पदार्थ मिला सकते हैं।
#1
सभी मसाले मिलाएं
चाय को लजीज बनाने के लिए उसमें मसाले शामिल करना सबसे बढ़िया निर्णय होगा। ये मसाले न केवल स्वाद को बढ़ांएगे, बल्कि शरीर को सुकून और राहत भी प्रदान करेंगे। आप चाय बनाते समय उसमें लौंग, इलायची, अदरक, काली मिर्च और दालचीनी डाल सकते हैं। अदरक पाचन को दुरुस्त करेगी, इलायची खुशबू और स्वाद जोड़ेगी, काली मिर्च और दालचीनी गर्माहट प्रदान करेंगी और लौंग सर्दी में होने वाली खराश को ठीक करेगी।
#2
जड़ी-बूटियां डालें
चाय में मसालों के साथ-साथ कुछ जड़ी-बूटियां भी शामिल की जा सकती हैं। ये इसके स्वास्थ्य लाभों को बढ़ाने में मदद करेंगी और तनाव को भी कम करेंगी। आप अपनी चाय में तुलसी शामिल कर सकते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और चिंता को दूर करती है। इसके अलावा चाय में अश्वगंधा डालना भी बढ़िया निर्णय होगा, जो मूड को बेहतर करने वाली जड़ी-बूटी होती है। आप चाय में पुदीना डाल सकते हैं, जो इसमें ताजगी लाएगा।
#3
चीनी की जगह गुड़ से मिठास जोड़ें
आम तौर पर लोग चाय में चीनी डालकर पीना पसंद करते हैं। हालांकि, इसे पौष्टिक बनाने के लिए आप इसमें गुड़ या शहद मिला सकते हैं। ये दोनों खाद्य पदार्थ कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करेंगे और चाय की मिठास भी बढ़ाएंगे। इन दोनों को चीनी के स्वस्थ विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें कम कैलोरी होती हैं। चीनी की जगह इन्हें इस्तेमाल करने से चाय भी लजीज बनेगी और ब्लड शुगर भी नहीं बढ़ेगा।
#4
देर तक पकाएं
कुछ लोग चाय चढ़ाने के 2 मिनट बाद ही उसे उबालकर छान लेते हैं। हालांकि, ऐसी चाय बहुत पतली बनती है और उसका स्वाद भी अच्छा नहीं होता है। स्वादिष्ट चाय बनाने के लिए उसे धीमी आंच पर देर तक पकाना चाहिए। इससे सभी मसाले चाय में अच्छी तरह मिल जाते हैं और दूध भी गाढ़ा हो जाता है। ध्यान रखें कि आपको चाय को उबालने नहीं, बल्कि पकाना है।