इन देशों में रहते हैं सबसे ज्यादा 100 साल के लोग, जानिए दीर्घायु के कारण
क्या है खबर?
पुराने समय में लोगों की आयु लंबी हुआ करती थी, लेकिन धीरे-धीरे जीवन प्रत्याशा कम होती गई। हालांकि, एक बार फिर लोगों की उम्र 100 से पार होने लगी है। विश्व जनसंख्या समीक्षा के आंकड़ों ने इस परिवर्तन का खुलासा किया है। इसका श्रेय बेहतर स्वास्थ्य सेवा, स्वस्थ जीवनशैली, सक्रीय आदतें ओर खुशहाली को जाता है। आज के लेख में हम आपको शीर्ष 4 देशों के बारे में बताएंगे, जहां 100 से अधिक आयु वाले सबसे ज्यादा लोग रहते हैं।
#1
जापान
जिस देश में सबसे ज्यादा 100 वर्षीय लोग रहते हैं, वह है जापान। कई सालों से यह स्थान इसी देश को मिला हुआ है। यहां 123,330 से ज्यादा शतायु रहते हैं, जिनकी जीवनशैली सबसे स्वस्थ होती है। यहां के लोग बुढ़ापे में भी सक्रीय बने रहते हैं, जिसके लिए वे बागवानी जैसी गतिविधियां अपनाते हैं। इसके साथ उन्हें समुदाय में रहना भी पसंद होता है, जिसके चलते उन्हें मानसिक तनाव नहीं होता है।
#2
अमेरिका
इस सूची में अगला स्थान अमेरिका का है, जहां 73,629 से ज्यादा शतायु रहते हैं। अमेरिका में शतायु लोगों की उच्च संख्या इस देश की चिकित्सा सुविधाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य में प्रगति के कारण है। आनुवंशिक और स्वास्थ्य संबंधी कारक भी इस देश के लोगों को बीमारियों से बचाकर रखते हैं। इसके परिणामस्वरूप उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और वे लंबा जीवन जी पाते हैं। ज्यादा आय और रोजगार के बेहतर अवसर भी इसमें योगदान देते हैं।
#3
चीन
चीन की केवल प्रौद्योगिकी ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सुविधाएं भी कमाल हैं। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इस देश में 100 साल की आयु वाले तीसरे स्थान पर सबसे ज्यादा लोग रहते हैं। यहां 48,566 शतायु रहते हैं, जिनकी दिनचर्या आपके लिए प्रेरणा बन सकती है। इसका श्रेय उनकी स्वस्थ जीवनशैली और सहायक सामाजिक वातावरण को जाता है। इसके अलावा यहां का प्राकृतिक वातावरण और लगातार सुधरती चिकित्सीय सुविधाओं ने भी इसमें योगदान दिया है।
#4
भारत
इस सूची में चौथे स्थान पर भारत आता है, क्योंकि यहां 37,988 शतायु निवास करते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हमारे देश की कुल जनसंख्या बहुत ज्यादा है। अस्वास्थ्यकर आदतों के चलते ज्यादातर लोग 100 की आयु तक पहुंच नहीं पाते हैं। हालांकि, जो पहुंचते हैं, उनका रहन-सहन बहुत ही स्वस्थ होता है। पौष्टिक डाइट, सक्रीय जीवनशैली, पारिवारिक समर्थन, मजबूत प्रतिरक्षा, आनुवंशिक कारक और चिकित्सा सुविधाओं में सुधार इसका कारण हैं।