
उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों का NIA से सवाल- फांसी मिलेगी या उम्रकैद?
क्या है खबर?
राजस्थान के उदयपुर में दुकान में घुसकर टेलर कैन्हैयालाल साहू की निर्मम हत्या करने वाले आरोपी इस समय राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में हैं और उनसे गहन पूछताछ जारी है।
इसमें भले ही आरोपियों को अपने गुनाह का कोई पछतावा नहीं है, लेकिन उन्हें इसके लिए मिलने वाली सजा की चिंता जरूर सता रही है।
यही कारण है कि वह बार-बार NIA अधिकारियों से एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि उन्हें फांसी मिलेगी या उम्रकैद?
पृष्ठभूमि
क्या है उदयपुर हत्याकांड?
उदयुपर में 28 जून को मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद नामक दो हमलावरों ने कन्हैयालाल साहू नामक टेलर की गर्दन काटकर हत्या कर दी गई थी।
हमलावर कपड़े सिलवाने के बहाने उसकी दुकान पर आए थे और यहीं वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने दिल दहला देने वाली इस घटना का वीडियो भी बनाया।
दोनों हमलावर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करने वाली पूर्व भाजपा नेता नुपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण टेलर से नाराज थे।
कार्रवाई
पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया
घटना के बढ़ते विरोध और पाकिस्तान कनेक्शन सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने मामले की जांच NIA को सौंप दी थी। जांच में सामने आया कि इस वारदात में कुछ पांच आरोपी शामिल थे।
पुुलिस ने घटना के दिन ही आरोपी रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को तो गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन उसके तीन अन्य साथी मोहसिन खान, आसिफ हुसैन और मोहम्मद मोहसीन फरार थे। हालांकि, NIA ने अब फरार तीनों आरोपियों को भी दबोच लिया है।
पूछताछ
NIA से बार-बार सजा के बारे में पूछ रहे हैं आरोपी
NIA अधिकारियों ने बताया कि पांचों आरोपी 12 जुलाई तक रिमांड पर है और उनसे गहन पूछताछ जारी है। उनकी कट्टरता के स्तर से साफ होता है कि उन्हें अपनी बर्बरता पर कोई पछतावा नहीं है।
हालांकि, उन्हें इस गुनाह के लिए मिलने वाली सजा की चिंता जरूर सता रही है।
अधिकारियों ने बताया कि वारदात को अंजाम देने वाला रियाज और गौस मोहम्मद का एक ही सवाल है कि उनके गुनाह के लिए कोर्ट फांसी देगा या उम्रकैद होगी?
खुलासा
17 जून को बनाई गई थी कन्हैयालाल की हत्या की योजना
NIA अधिकारियों ने बताया आरोपियों ने 17 जून को कन्हैयालाल की हत्या की योजना बनाई थी। रियाज और गौस मोहम्मद ने इस काम को अपने हाथ में लेने की पहल की थी। कसाइखानों में काम आने वाले खंजर जैसे हथियार से उन्होंने कन्हैया का गला रेता था और उसे वेल्डर रियाज अत्तारी ने तैयार किया था।
उन्होंने बताया कि आरोपियों ने एक साथ तीन हत्या करने की योजना बनाई थी, लेकिन रैकी नहीं होने से योजना सफल नहीं हो पाई।
आशंका
अमरावती की घटना से जुड़े हो सकते हैं उदयपुर के तार
इस बीच अमरावती में उमेश कोल्हे के हत्यारों को भी NIA के हवाले किया जाएगा। महाराष्ट्र में हुए हत्याकांड को लेकर DGP (NIA) दिनाकर गुप्ता ने महाराष्ट्र के DGP रजनीश सेठ से हिरासत ट्रांसफर करने को लेकर बात की है।
NIA अब इस दिशा में आगे बढ़ रही है कि अमरावती और उदयपुर की घटना का आपस में कोई लिंक तो नहीं है।
बता दें कि अब तक की जांच में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठनों की भूमिका भी सामने आई है।
संबंध
इन इस्लामिक संगठनों से मिला है आरोपियों का संबंध
इससे पहले शुरुआती जांच में हमलावरों के कराची स्थित सुन्नी इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी से लिंक होने की बात सामने आई थी।
दावत-ए-इस्लामी पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से संबंधित है।
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि वे सुन्नी इस्लाम के सूफी-बरेलवी संप्रदाय से जुड़े हैं जिसके दावत-ए-इस्लामी के साथ करीबी संबंध हैं। यह संगठन पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का समर्थन करता है।
इसी कनेक्शन को देखते हुए NIA को जांच सौंपी गई है।