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क्या रूस से तेल का आयात बंद करने पर बढ़ जाएगा भारत का ईंधन खर्च?
क्या रूस से तेल आयात बंद कर सकता है भारत?

क्या रूस से तेल का आयात बंद करने पर बढ़ जाएगा भारत का ईंधन खर्च?

Aug 08, 2025
05:31 pm

क्या है खबर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा ने देश के व्यापार को बड़ा झटका दिया है। ट्रंप प्रशासन ने इसके पीछे भारत द्वारा रूस से की जा रही तेल खरीद को कारण बताया है। हालांकि, भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद करने के संबंध में कोई बयान नहीं दिया है। इस बीच आइए जानते हैं कि अगर रूस से तेल खरीद बंद करने पर भारत के ईंधन खर्च पर क्या असर पड़ेगा।

खर्च

1.01 लाख करोड़ रुपये पहुंच सकता है भारत का ईंधन खर्च

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है, "अगर, भारत वित्त वर्ष 2025-26 के शेष समय में रूस से तेल आयात पूरी तरह बंद कर देता है, तो उसका ईंधन खर्च शेष वित्त वर्ष 9 अरब डॉलर (लगभग 78.30 हजार करोड़ रुपये) पर पहुंच जाएगा। इसी तरह यह खर्च वित्त वर्ष 2026-27 में बढ़कर 11.7 अरब डॉलर (लगभग 1.01 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच सकता है। यह बड़ी चिंता का विषय है।"

जानकारी

इन देशों से तेल खरीद का भी दिया गया है सुझाव

SBI की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत इराक से तेल खरीदने पर विचार कर सकता है और रूसी आपूर्ति बंद होने की स्थिति में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से भी तेल खरीदने पर विचार किया जा सकता है।

कीमत

तेल की कीमतों में आएगा उछाल

रिपोर्ट के अनुसार, अगर सभी देश रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद कर दें, तो वैश्विक कच्चे तेल की आपूर्ति में रूस का योगदान 10 प्रतिशत रह जाएगा। इस दौरान कोई अन्य देशों के अपना उत्पादन न बढ़ाने पर कच्चे तेल की कीमत 10 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। बता दें कि भारत ने 2022 से रूसी तेल की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसे 60 डॉलर प्रति बैरल (करीब 5,220 रुपये) की छूट पर बेचा गया है।

हिस्सेदारी

साल 2025 में 35 प्रतिशत हुई रूस की तेल हिस्सेदारी

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2020 में रूस की कुल तेल आयात में केवल 1.7 हिस्सेदारी थी जो अब 2025 में 35.1 प्रतिशत हो गई है और अब यह भारत का सबसे बड़ा तेल आयातक है। मात्रा के संदर्भ में भारत ने वित्त वर्ष 2025 में रूस से 8.80 करोड़ मीट्रिक टन कच्चे तेल का आयात किया है, जबकि उसका कुल आयात 24.50 करोड़ मीट्रिक टन रहा था। यह रूस के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना गया है।

विविधता

भारत अपने तेल स्रोतों में विविधता लाया 

भारत ने न केवल रूस से अपनी खरीद बढ़ाई है, बल्कि अपने तेल स्रोतों का विस्तार लगभग 40 देशों तक भी किया है। गुयाना, ब्राजील और कनाडा से नए आपूर्ति विकल्प उभरे हैं, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा में वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, भले ही आयात खर्च में संभावित वृद्धि महत्वपूर्ण है, लेकिन फिर भी भारत का विविध आपूर्ति नेटवर्क और अन्य तेल उत्पादक देशों के साथ स्थापित अनुबंध इस प्रभाव को कम कर सकता है।

घोषणा

ट्रंप ने क्या की है घोषणा?

राष्ट्रपति ट्रंप ने 1 अगस्त को भारत के रूस से तेल खरीदने पर नाराजगी जताते हुए 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने भारत पर जुर्माना लगाने की भी धमकी दी थी। हालांकि, उसके बाद भी भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इससे गुस्साए राष्ट्रपति ट्रंप ने 6 अगस्त को भारत पर 25 प्रतिशत और टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह टैरिफ अब 27 अगस्त से लागू किया जाएगा।

प्रतिक्रिया

भारत ने ट्रंप के आदेश पर क्या दी प्रतिक्रिया?

ट्रंप के फैसले पर विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले स्पष्ट कर दी है। हमारा आयात बाजार कारकों पर आधारित है और इसका उद्देश्य भारतीय नागरिकों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर ऐसे कदमों के लिए अतिरिक्त टैरिफ लगाने का विकल्प चुना है। हम फिर से दोहराते हैं कि ये अनुचित और अविवेकपूर्ण हैं। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।"